बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष का पद संभालने के बाद दो दिन पूर्व सीएम मोहन यादव के साथ हेमंत खंडेलवाल जब अपने पहले दिल्ली दौरे पर पहुंचे तब ही राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर ली थी। इन मुलाकातों में प्रदेश कार्यकारिणी के गठन को लेकर बातचीत हुई। शीर्ष नेतृत्व ने खंडेलवाल को अपनी टीम चुनने के लिए अपेक्षाकृत अधिक आजादी दी है। हालांकि कुछ स्पष्ट निर्देश भी दे दिए गए हैं।
केंद्रीय नेतृत्व ने मध्यप्रदेश के लिए जो मानदंड तय किए हैं उसके अनुसार एमपी बीजेपी में व्यापक बदलाव तय है। प्रदेश में पूरे 5 साल बाद पार्टी संगठन में बड़े स्तर पर परिवर्तन होगा। नए प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल की टीम में पार्टी सांसद और विधायकों की भूमिका सीमित हो जाएगी। प्रदेश कार्यकारिणी समिति से इन्हें हटाया जाएगा। इसके साथ ही पार्टी के विभिन्न मोर्चा अध्यक्ष भी बदले जाएंगे।
निर्देशों की गाज तीन मौजूदा मोर्चा अध्यक्षों पर गिरना तय
शीर्ष नेतृत्व के निर्देशों की गाज तीन मौजूदा मोर्चा अध्यक्षों पर गिरना तय है। पार्टी के ओबीसी मोर्चा अध्यक्ष नारायण कुशवाह, महिला मोर्चा अध्यक्ष माया नारोलिया और किसान मोर्चा अध्यक्ष दर्शन सिंह चौधरी के स्थान पर नए चेहरों को कमान सौंपी जानी है। पार्टी “एक व्यक्ति, एक पद” की नीति लागू कर इन तीनों नेताओं को संगठन की जिम्मेदारियों से मुक्त करेगी।
संगठन के दायित्वों से मुक्त करने का स्वयं कर चुके आग्रह
नारायण कुशवाह मध्यप्रदेश सरकार में उद्यानिकी व सामाजिक न्याय मंत्री का दायित्व संभाल रहे हैं जबकि माया नारोलिया राज्यसभा सांसद और दर्शन सिंह चौधरी नर्मदापुरम-नरसिंहपुर सीट के सांसद हैं। बताया जा रहा है कि कुछ मोर्चा अध्यक्ष और कार्यकारिणी सदस्य स्वयं संगठन के दायित्वों से मुक्त करने का आग्रह कर चुके हैं।
शिवप्रकाश और बीएल संतोष से भेंट
शुक्रवार को प्रदेशाध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल फिर दिल्ली पहुंचे। यहां अन्य गतिविधियों के अलावा उन्होंने प्रमुख रूप से बीजेपी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष से भी भेंट की। मध्यप्रदेश में नई प्रदेश कार्यकारिणी के गठन और मोर्चा, प्रकोष्ठों में बदलाव के लिहाज से दोनों नेताओं से खंडेलवाल की मुलाकात बेहद अहम बताई जा रही है।