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जानकारी का अभाव बड़ा कारण
संज्ञेय और असंज्ञेय दो प्रकार अपराधों में मामले दर्ज होते हैं। संज्ञेय अपराधों में पुलिस एफआइआर दर्ज करती है, जबकि असंज्ञेय अपराधों में एनसीआर काटती है। ई-एफआइआर दर्ज करवाते समय धाराओं की जानकारी न होने के कारण लोग तकनीकी गलती करते हैं। ऐसे में त्रुटियों की वजह से ई-एफआइआर निरस्त हो जाती है।
ई-एफआइआर निरस्त के कारण
● ई-एफआइआर दर्ज होने के तीन दिन बाद में थाने में जाकर प्रकरण की जानकारी देनी होती है। ऐसा न करने पर ई-एफआइआर स्वत: निरस्त हो जाती है। ● ई-एफआइआर के बाद थाने आने से पहले ही ज्यादातर मामलों में सुलह हो जाती है
महिलाओं और बुजुर्गों के लिए ये प्रावधान
जो महिलाएं और बुजुर्ग थाने नहीं जा सकते वे घर बैठे एफआइआर करवाते हैं। पुलिस टीम उनके घर जाकर आगे की कार्रवाई करती है। लेकिन कई बार त्रुटियों की वजह से कार्रवाई नहीं हो पाती। कई बार पुलिस संसाधनों का रोना रोते हुए उनके घर तक नहीं पहुंच पाती।
स्टाफ की कमी
पुलिस विभाग का कहना है कि ई-एफआइआर के लिए जरूरी है कि पुलिस के पास पर्याप्त स्टाफ हो। तभी विवेचक और एफआइआर दर्ज करने वाला पुलिसकर्मी बुजुर्ग या महिला के घर जा पाएगा। लेकिन स्टाफ की कमी की वजह से व्यवस्था अच्छी तरह लागू नहीं हो पा रही है। इन मामलों में कर सकेंगे ई-एफआइआर
- वाहन चोरी (15 लाख से कम) हो।
- सामान्य चोरी (1 लाख से कम) हो।
- घटना में चोट, बल का प्रयोग न हुआ हो।
ई-एफआइआर के संबंध में प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ ले सकें। थानों में निर्देश दिए गए हैं कि बुजुर्गों और महिलाओं के मामले में पुलिस घर जाकर मामले की तहकीकात कर एफआइआर दर्ज करे –
हरिनारायण चारी मिश्रपुलिस कमिश्नर, भोपाल