माता- पिता के बीच हुए विवाद और अनबन के बाद बीते डेढ़ साल से दोनों एक दूसरे से अलग रहने लगे। इन दोनों का एक पांच साल का बच्चा भी है। ऐसे में तय हुआ कि बच्चा 15- 15 दिन दोनों के पास रहेगा। शर्त के अनुसार सब कुछ ठीक चलता रहा, लेकिन बीते तीन महीने पहले दोनों के बीच हुए विवाद के बाद पिता बच्चे को तीन महीने से अपने साथ रखे हुए था।
पिता की जिद के कारण नहीं ले जा पाई
इस दौरान मां ने कई बार बच्चे को साथ ले जाने की कोशिश की पर पिता की जिद के कारण नहीं ले जा पाई। बीती शाम मां पिता को जानकारी दिए बिना ही बच्चे को साथ लेकर चली गई। पिता ने थाने पहुंचकर बच्चे की गुमशुदगी दर्ज कराई। पिता की शिकायत पर पुलिस ने पता लगाया तो बच्चा मां के पास मिला। पुलिस ने दोनों के सामने बच्चे से उसकी मर्जी पूछी तो उसने मां के साथ जाने को कहा। इस पर पुलिस ने बच्चे को मां के साथ भेज दिया। ये भी पढ़ें: एयरपोर्ट पर अब 10 रुपए में ‘चाय’ और 20 रुपए में मिलेगा ‘समोसा’
पिता की याद आई तो पैदल ही चल दी बेटी
ज्ञात हो कि विगत दिनों शहर में एक ऐसा ही मामला सामने आया था। आपसी कलह को लेकर माता-पिता अलग हो गए और मां ने दूसरा विवाह कर लिया। 12 साल की बेटी पिता के साथ रह रही थी। इसी दौरान मां ने बेटी को अपने पास कुछ दिन रहने के लिए बुला लिया था। एक दो दिन रहने के बाद बेटी को पिता की याद आई तो वह पैदल ही पांच किमी. दूर पिता के घर जाने के लिए निकल पड़ी। रास्ते में पुलिस को बच्ची मिली थी। इसके बाद पुलिस ने माता-पिता को बुलाया और बेटी से पूछा तो वह पिता के साथ जाने को राजी होने पर उसे पिता के साथ भेज दिया गया।
इन मामलों के बारे में डॉ. भानु प्रताप सिंह, मनोरोग विशेषज्ञ, इएसआई, भोपाल का कहना है कि मां-पिता के अलग-अलग रहने से बच्चे मां या पिता को मिस करते हैं। इसका उनके मानसिक विकास पर नाकारात्मक प्रभाव पड़ता है। वे उदासी के शिकार हो जाते हैं और उनमें एनजाइटी की समस्या सहित अन्य मानसिक विकार पैदा होते हैं।