रोल्स रॉयस की सवारी करते दिखे चंद्रशेखर आजाद रावण
वीडियो में चंद्रशेखर आजाद मुस्कुराते हुए रोल्स रॉयस से उतरते दिखाई दे रहे हैं। चंद्रशेखर के साथ कुछ विदेशी और भारतीय समर्थक भी मौजूद हैं। इस क्लिप के वायरल होते ही इंटरनेट पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। कई यूजर्स उन्हें ‘दलितों का रॉबिनहुड’ बता रहे हैं जबकि कुछ आलोचक तंज कसते हुए पूछ रहे हैं कि जो नेता खुद को वंचितों की आवाज कहते हैं वे इतने महंगे अंदाज में कैसे घूम सकते हैं? गाड़ी के नंबर प्लेट पर टिकी निगाहें
वायरल हो रहे इस वीडियो में चंद्रशेखर आजाद रावण जिस गाड़ी से उतर रहे हैं उसका नंबर भी खूब चर्चा में है। साफ देखा जा सकता है कि गाड़ी का नंबर वीआईपी श्रेणी का है। इस नंबर पर भी लोगों की प्रतिक्रिया आ रही है।
पर्सनल ब्रांड प्रमोशन या कुछ और?
सोशल मीडिया पर लोग यह भी सवाल कर रहे हैं कि चंद्रशेखर का यह दौरा सामाजिक न्याय और दलित अधिकारों के लिए है या फिर यह उनका पर्सनल ब्रांड प्रमोशन का हिस्सा है। कुछ ने यह आरोप भी लगाया है कि जो नेता पहले सड़कों पर आंदोलन करते नजर आते थे, अब वे महंगी कारों में घूमते नजर आ रहे हैं, जिससे उनकी छवि पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
संघर्षों से शुरू हुआ था राजनीतिक सफर
गौरतलब है कि चंद्रशेखर आजाद का राजनीतिक सफर संघर्षों से शुरू हुआ था। वे हमेशा से दलित समाज के अधिकारों, सामाजिक समानता और आरक्षण जैसे मुद्दों को मुखरता से उठाते रहे हैं। उनके आंदोलनों ने उन्हें दलित युवाओं के बीच खास पहचान दी है। लेकिन अब इस वीडियो को लेकर उनके समर्थक और विरोधी आमने-सामने हैं। इस पूरे घटनाक्रम ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है कि क्या खुद को वंचितों की आवाज कहने वाले नेता और एक सामाजिक नेता के लिए विलासिता और जनसेवा एक साथ चल सकती है? या फिर यह जनता की भावनाओं से जुड़ा मुद्दा है, जहां नेता की छवि सादगी से जुड़ी होती है? फिलहाल चंद्रशेखर की तरफ से इस वायरल वीडियो पर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।