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बीकानेर

बस नाम की ही खुली पालिकाएं, स्थायी स्टाफ मिला ना सुविधाएं

प्रदेश सरकार की घोषणा के अनुसार गत वर्ष नवम्बर में बीकानेर संभाग में तीन नई नगर पालिकाओं का गठन किया गया। करीब साढ़े तीन महीने के बाद भी इन नगर पालिकाओं को न स्थायी कर्मचारी मिल पाए और ना ही आवश्यक संसाधन। नगर पालिका लूणकरनसर में अब तक अ​धिशाषी अ​धिकारी भी नियुक्त नहीं हो पाया है। घड़साना और नापासर नगर पालिका को अ​धिशाषी अ​धिकारी मिल गए है, लेकिन स्थायी कर्मचारी नहीं मिलने के कारण दूसरी निकायों के कर्मचारियों से अतिरिक्त कार्यभार के तहत काम चलाया जा रहा है। इन तीनो नगर पालिकाओं में स्टाफिंग पैटर्न के अनुसार कर्मचारियों की स्वीकृति भी नहीं मिली है।

बीकानेरFeb 28, 2025 / 10:33 pm

Vimal

बीकानेर. प्रदेश सरकार की ओर से पिछले साल नवम्बर में प्रारंभ की गई नई नगर पालिकाएं अब तक स्टाफ और सुविधाओं को तरस रही हैं। स्टाफिंग पैटर्न अनुसार इन नगर पालिकाओं में न अब तक कर्मचारियों की स्वीकृति जारी हुई है और ना ही नगरीय सुविधाओं के लिए पर्याप्त राशि का आवंटन। आलम यह है कि जिले में नापासर और लूणकरनसर तथा श्रीगंगानगर में घड़साना ग्राम पंचायतों के स्थानों पर नगर पालिकाए शुरू करने की घोषणा कर दी, लेकिन नगर पालिकाएं सरकार की ओर टकटकी लगाए हुए हैं। लूणकरनसर नगर पालिका में तो अब तक अधिशाषी अधिकारी तक नियुक्त नहीं हो पाया है।
पालिका के नाम पर केवल ईओ

बीकानेर संभाग में तीन स्थानों पर नगर पालिकाओं की घोषणा हुई। इनमें से बीकानेर जिले में नापासर नगर पालिका और श्रीगंगानगर जिले में घड़साना नगर पालिका को पालिका के नाम पर केवल अधिशाषी अधिकारी ही मिल पाए हैं। एक भी स्थायी कर्मचारी इन दोनों नगर पालिकाओं को नहीं मिल पाया है। नापासर नगर पालिका में बीकानेर नगर निगम में कार्यरत कर्मचारियों को कार्यव्यवस्था के तहत सप्ताह में दो दिन नियुक्त कर अनुमानित बजट तैयार किया गया। यह स्थिति घड़साना नगर पालिका भी है। लूणकरनसर नगर पालिका में विधिवत रूप से अब तक कार्य ही शुरू नहीं हो पाया है।
इन कार्मिकों की जरूरत

नगर पालिका नियमों के तहत नगर पालिकाओं की सुचारु कार्यव्यवस्थाओं के लिए स्टाफिंग पैटर्न अनुसार विभिन्न संवर्गों के कर्मचारियों की नियुक्ति जरूरी है। इनमें अधिशाषी अधिकारी के साथ कनिष्ठ अभियंता, कनिष्ठ लेखाकार, एक यूडीसी और दो एलडीसी की नियुक्ति होनी चाहिए। नापासर, लूणकरनसर व घड़साना में अब तक एक भी कर्मचारी की नियुक्ति की गई है।
आय वसूलने वाला,ना खर्च करने वाला

नापासर नगर पालिका की ओर से 26 करोड़ रुपए का अनुमानित बजट पारित किया जा चुका है। इस बजट में विभिन्न मदों से करोड़ो रुपए की आय का अनुमान लगाया गया है। वहीं विभिन्न सुविधाओं पर बजट में खर्च का प्रावधान भी रखा गया है। नगर पालिका में स्थायी कर्मचारी नहीं है। नगर निगम के एक-एक सहायक लेखाधिकारी, जेईएन व यूडीसी को कार्य व्यवस्था के तहत सप्ताह में दो दिन की जिम्मेदारी दी हुई है। पालिका का स्वयं का एक भी स्थायी कर्मचारी नहीं है, जो आय वसूलने के साथ सेवा-सुविधाओं पर राशि खर्च कर सके। यही स्थिति घड़साना नगर पालिका की है। लूणकरनसर में अब तक ईओ भी नियुक्त नहीं हो पाया है।
सफाई कर्मचारी ही नहीं

सरकार की ओर से भले ही नापासर, लूणकरनसर और घड़साना को नगर पालिका का दर्जा दे दिया गया हो, लेकिन इन पालिका क्षेत्रों में अब तक पालिका के स्वयं के सफाई कर्मचारी भी नहीं है। पालिका क्षेत्रों के निवासियों को नगरीय निकाय की सुविधाएं व सेवाओं का लाभ जिस प्रकार से मिलना चाहिए, अब तक नहीं मिल पा रहा है।
व्यवस्थाएं प्रक्रियाधीन

नापासर, घड़साना और लूणकरनसर नगर पालिकाओं को लेकर विभिन्न व्यवस्थाएं प्रक्रियाधीन है। ग्राम पंचायतों से रेकॉर्ड हस्तांतरण की प्रक्रिया चल रही है। स्टाफिंग पैटर्न अनुसार स्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति की स्वीकृति जारी होनी है। नापासर व घड़साना नगर पालिका में ईओ की नियुक्ति हो चुकी है। अतिरिक्त कार्यभार के तहत पालिकाओं में कुछ कर्मचारी नियुक्त किए गए है। लूणकरनसर नगर पालिका में ईओ की नियुक्ति अब होनी है।
सुशीला वर्मा,उप निदेशक (क्षेत्रीय) स्थानीय निकाय विभाग, बीकानेर।

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