scriptगोद में पार्वती, मूंछों में महादेव बीकानेर का अनोखा शिवालय | Parvati in the lap, Mahadev in the moustache, unique Shiva temple of Bikaner | Patrika News
बीकानेर

गोद में पार्वती, मूंछों में महादेव बीकानेर का अनोखा शिवालय

रियासत काल से देवीकुण्ड सागर ​िस्थत छ नया मंदिर में ​िस्थत गौरी शंकर महादेव श्रद्धालुओं की आस्था और श्रद्धा का केन्द्र है। इस ​शिवालय में भगवान ​शिव की अनोखी मूर्ति स्थापित है। ​शिवलिंग के साथ भगवान शंकर और मां पार्वती की साकार स्वरूप में भी मूर्ति है। ​शिव की गोद में माता पार्वती विराजमान है। भगवान ​शिव बांकडली मूंछों के साथ राठौड़ी स्वरूप में अपने भक्तों को दर्शन देते है। भोलेनाथ का राजस्थानी साफा में भव्य श्रृंगार किया जाता है। इस ​शिवालय में 26 ​शिवलिंग, दो पार्वती और भगवान गणेश की मूर्ति भी स्थापित है।

बीकानेरJul 13, 2025 / 10:25 pm

Vimal

बीकानेर. बीकानेर का देवीकुंड सागर, न सिर्फ ऐतिहासिक महत्व का स्थल है, बल्कि यहां मौजूद नया छ: मंदिर परिसर आध्यात्मिक अनुभूति का जीवंत केंद्र भी है। परिसर में स्थित गौरी शंकर महादेव मंदिर की विशेषता यह है कि यहां शिव-पार्वती की मूर्ति साकार स्वरूप में है। शिव की गोद में माता पार्वती विराजमान हैं और शिव बांकडली मूंछों के साथ राठौड़ी स्वरूप में दर्शन देते हैं। भगवान भोलेनाथ द्वि भुजी है। एक हाथ में डमरू और एक हाथ में माला लिए है। भगवान शिव सिर पर साफा भी पहनते हैं।
शिव-पार्वती के अनोखे श्रृंगार

पुजारी मोहित सेवग के अनुसार, सावन सहित वर्षभर यहां भक्त महादेव का विभिन्न स्वरूपों में श्रृंगार करते हैं। इनमें दूल्हा-दुल्हन, कृष्ण-राधिका, कैलाशपति शिव-पार्वती और राठौड़ी रूप में साफा और मूंछों वाला श्रृंगार शामिल है। यह श्रृंगार न सिर्फ आंखों को आकर्षित करता है, बल्कि शिव की भक्ति को भी जीवंत कर देता है।
छह मंदिर, एक परिसर

 करीब 175 साल पहले बने इस मंदिर परिसर में भगवान गौरी शंकर महादेव, भगवान बद्रीनाथ मंदिर, भगवान सखी गोपाल (कृष्ण) मंदिर, भगवान सूर्य मंदिर, भगवान गोवर्धन नाथ मंदिर, भगवान रिद्धि-सिद्धि गणेश मंदिर स्थापित हैं। मंदिरों में दीवारों पर पुरानी चित्रकारी आज भी मौजूद है, जो स्थापत्य और कला का बेजोड़ उदाहरण है। श्रावण मास में इस मंदिर में विशेष पूजा, भजन और रुद्राभिषेक आयोजित किए जा रहे हैं।
मूर्ति का स्वरूप: शिव के हर रूप का समागम

भगवान शंकर के सिर पर जटा और गंगा, गले और भुजाओं पर सर्प, कानों में कुंडल, हाथों में डमरू और माला

सिर पर मावड़ और साफा, ललाट पर त्रिपुंड, और मूंछों वाला राठौड़ी श्रृंगार
गोद में माता पार्वती, जिनके एक हाथ में शिवलिंग, साथ में सिंह, नंदी और पावन गणेश भी विराजित

मूर्ति के दोनों ओर 12-12 शिवलिंग, कुल 26 शिवलिंगों की स्थापना

ऐसे पहुंचते हैं मंदिर तक
जयपुर रोड पर हल्दीराम प्याऊ से दायीं ओर सागर की तरफ जाने वाले मार्ग पर देवीकुण्ड सागर स्थित है। सागर की छतरियों के ठीक सामने की ओर देवीकुण्ड सागर परिसर में प्राचीन तालाब और तालाब के घाटों पर मंदिर स्थापित हैं। इन मंदिरों में नया छ: मंदिर भी है।
मंदिर तक पहुंचने का google लोकेशन लिंक – https//maps.app.goo.gl/Bnn9XGfwySapD5T26

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