इन शिक्षकों की संविदा पर नियुक्ति 16,900 रुपए प्रतिमाह मानदेय पर हुई थी। सरकार ने एक वर्ष की संतोषजनक सेवा पर 5% मानदेय बढ़ाने की प्रशासनिक स्वीकृति तो पहले ही दे दी थी, लेकिन बजट जारी नहीं होने के कारण न नियमित भुगतान हो पा रहा था और न ही बढ़ा हुआ मानदेय मिल रहा था।
अब बजट जारी होने के बाद महात्मा गांधी स्कूलों के संस्था प्रधानों को निर्देश दिए गए हैं कि वे बकाया मानदेय और 5% वृद्धि के साथ वेतन का निर्धारण कर पूल बजट के तहत इसका भुगतान करें।
इन पर पड़ेगा प्रभाव
इस फैसले से राज्य भर में कार्यरत 10 हजार से अधिक संविदा शिक्षकों को राहत मिलेगी, जो बीते कई महीनों से वेतन भुगतान की अनिश्चितता के बीच काम कर रहे थे। साथ ही इससे स्कूलों में कार्यरत संविदा शिक्षकों का मनोबल भी बढ़ेगा और शिक्षा गुणवत्ता पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा।