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बिलासपुर

छत्तीसगढ़ के इन 6 गांवों में जमीन की खरीदी-बिक्री पर लगी रोक, सामने आई ये बड़ी वजह

CG News: रेल फ्लाई ओवर के निर्माण को लेकर कलेक्टर ने इस क्षेत्र के 6 गांवों में जमीन की खरीदी- बिक्री पर रोक लगाई है। निर्माण के एलाइनमेंट में आने वाले ग्रामों में भूमि की अवैध और अनाधिकृत खरीद-बिक्री की आशंका को देखते हुए यह आदेश जारी किया गया है।

बिलासपुरJun 13, 2025 / 10:30 am

Khyati Parihar

भू-माफिया की करतूत (फोटो-AI)

भू-माफिया की करतूत (फोटो-AI)

CG News: दगोरी-बिल्हा के बीच रेल फ्लाई ओवर के निर्माण को लेकर कलेक्टर ने इस क्षेत्र के 6 गांवों में जमीन की खरीदी- बिक्री पर रोक लगाई है। निर्माण के एलाइनमेंट में आने वाले ग्रामों में भूमि की अवैध और अनाधिकृत खरीद-बिक्री की आशंका को देखते हुए यह आदेश जारी किया गया है।
उल्लेखनीय है कि इस संदर्भ में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के निर्माण उप मुख्य अभियंता ने प्रशासन को पत्र भेजा था। इस अनुसार कलेक्टर संजय अग्रवाल ने उक्त रेलवे लाइन के आसपास क्षेत्र में आने वाली सभी भूमियों की खरीद-बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी कर दिया है। यह आदेश तब तक लागू रहेगा, जब तक अंतिम अधिग्रहण प्रक्रिया पूर्ण न हो जाए।

इन गांवों में प्रतिबंध

रेलवे के पत्र के तारतय और शासन के दिशा निर्देश के अनुरूप ही दगोरी-बिल्हा के बीच रेल लाई ओवर निर्माण के लिए क्षेत्र चिन्हित कर जमीन खरीद बिक्री पर रोक लगाई गई है। इसमें बिल्हा अनुभाग के ग्राम बिल्हा, दगोरी, गोढ़ी, उटगन, किरारीगोडी, भैंसबौड़ में स्थित किसी भी भूमि की खरीद बिक्री क्लेक्टर की अनुमति बिना नहीं की जा सकेगी।
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परियोजना में देर और कानूनी पचड़े से बचने राजस्व विभाग ने पहले भी जारी किए थे निर्देश

बता दें कि छत्तीसगढ़ शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग रायपुर ने भी अक्टूबर में निर्देश जारी कर भूमि अर्जन प्रक्रिया के अधीन भूमि के बेहतर प्रशासन के लिए भूमि के अंतरण, बटांकन, व्यपवर्तन तथा भूमि के क्रय-विक्रय को पूर्णत: प्रतिबंधित किए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं। क्योंकि अर्जन के अधीन भूमि का बटांकन, छोटे टुकड़ों में अंतरण एवं प्रयोजन में परिवर्तन के कारण भूमि अर्जन की लागत में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।
इस प्रक्रिया में मूल भूमिस्वामी को समुचित लाभ होने के बजाए भूमि की खरीद-बिक्री में संलिप्त बिचौलियों और भू-माफियाओं द्वारा लाभ अर्जित किया जाता है। साथ ही भूमि के अवैधानिक अंतरण के कारण शासन को अनावश्यक आर्थिक क्षति होने के अलावा मुकदमेबाजी के कारण सार्वजनिक हितों की परियोजनाओं में अनावश्यक विलब होता है।

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