यह स्कीम मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 165 के तहत लागू की गई है, जिसका उद्देश्य दुर्घटना पीड़ितों को समय पर और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराना है। योजना के सुचारु क्रियान्वयन और जागरुकता के लिए बिलासपुर यातायात पुलिस द्वारा लगातार विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से जन जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है।
इस योजना के तहत कोई भी व्यक्ति जो मोटर यान से हुई सड़क दुर्घटना का शिकार होता है, वह नामित अस्पतालों में अधिकतम डेढ़ लाख रुपए तक का नगद रहित उपचार प्राप्त करने का पात्र होगा। अगर किसी अन्य अस्पताल में घायल को ले जाया जाता है, तो वहां केवल प्राथमिक इलाज होगा। इसके बाद मरीज को तुरंत चिन्हित अस्पताल में रेफर किया जाएगा, जिसकी जानकारी पोर्टल पर दर्ज की जाएगी।
नोडल एजेंसी और प्रबंधन तंत्र
राज्य सड़क सुरक्षा परिषद को इस योजना के लिए राज्य स्तरीय नोडल अभिकरण बनाया गया है। यह एजेंसी इलाज करने वाले अस्पतालों को भुगतान, पोर्टल प्रबंधन, योजना के दुरुपयोग की रोकथाम और शिकायत निवारण की पूरी जिमेदारी निभाएगी। यातायात पुलिस लोगों को कर रही जागरूक
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के निर्देशन और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (यातायात) रामगोपाल करियारे के मार्गदर्शन में यातायात पुलिस इस योजना के प्रचार-प्रसार के लिए जागरुकता अभियान चला रही है। साथ ही,
सड़क दुर्घटना संभावित स्थलों का जायजा लेकर सुधारात्मक कदम भी उठाए जा रहे हैं।