Bilaspur Namaz Controversy: घटना का कोई सबूत रिकॉर्ड नहीं कर पाए
छात्रों के अनुसार, 26 मार्च से 1 अप्रैल तक चले
एनएसएस कैंप में रोज़ाना सुबह योग क्लास चलती थी। इसी दौरान नमाज़ पढ़ने के लिए मजबूर किया गया। 31 मार्च को ईद के मौके पर मुस्लिम छात्रों को मंच पर बुलाकर नमाज़ पढ़वाई गई और बाकी छात्रों को इसे दोहराने का निर्देश दिया गया। कैंप में कुल 159 छात्र शामिल थे, जिनमें केवल 4 मुस्लिम छात्र थे।
छात्रों का आरोप है कि विरोध करने पर उन्हें डराया गया और एनएसएस सर्टिफिकेट न देने की चेतावनी दी गई। उन्हें मुस्लिम धर्म में कन्वर्ट करने की मंशा से ब्रेनवॉश किया गया। इस दौरान उनका मोबाइल जमा करवा लिए जाने के कारण वे घटना का कोई सबूत रिकॉर्ड नहीं कर पाए।
इधर, पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह का कहना है कि यूनिवर्सिटी के छात्रों ने कोनी थाने में शिकायत कर एनएसएस कैंप में नमाज़ पढ़ाने का आरोप लगाया, जिसकी जांच की जा रही है। मामले में यूनिवर्सिटी प्रबंधन से भी जानकारी लेकर तथ्य जुटाए जा रहे हैं। अपराध घटित होना पाए जाने पर केस दर्ज किया जाएगा।
विवि की 3 सदस्यीय कमेटी करेगी जांच
Bilaspur Namaz Controversy: गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी की मीडिया प्रभारी एम. एन. त्रिपाठी ने बताया कि
यूनिवर्सिटी प्रबंधन को जानकारी मिली है कि छात्रों ने थाने में ऐसी शिकायत की है। हालांकि अभी तक कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है। मीडिया से जानकारी मिलने के बाद सच्चाई का पता लगाने के लिए 3 सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित की गई है।