इतना ही नहीं, मकाओ प्रशासन ने उसकी मेडिकल डिग्री पांच साल के लिए रद्द भी कर दी थी। इससे स्पष्ट होता है कि आरोपी वर्षों से फर्जीवाड़े के सहारे खुद को कार्डियोलॉजिस्ट बताकर गंभीर मरीजों का इलाज कर रहा था। अब पुलिस के लिए यह चुनौती बन गई है कि वह विदेश में मौजूद दस्तावेजों की पुष्टि कैसे करे।
मौत होने का लगा आरोप
गौरतलब है कि
डॉ. नरेन्द्र 2006 में शहर के अपोलो में पदस्थ रहा। इस दौरान उनके इलाज के बाद पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल की तबीयत बिगड़ने और मौत होने का आरोप उनके बेटे प्रो. प्रदीप शुक्ल ने लगाया है। सीएमएचओ ने अपोलो प्रबंधन ने डॉक्टर की डिग्री व नियुक्ति संबंधी दस्तावेज मांगे हैं, जिसमें कुछ दस्तावेज दिए गए हैं। डॉ. नरेन्द्र की पोस्टिंग हेड ऑफिस चेन्नई से होने की जानकारी सीएमएचओ को दी गई है।
कांग्रेस की न्याय यात्रा 24 को, बनाई रणनीति
इधर, जिले में लचर स्वास्थ्य सुविधा और अपोलो अस्पताल के फर्जीवाड़ा के विरोध में कांग्रेस 24 अप्रैल को न्याय यात्रा निकालेगी। बुधवार को कांग्रेस भवन में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी और शहर अध्यक्ष विजय पांडेय की अगुवाई में आयोजित बैठक में तैयारी,रूट चार्ट और रूपरेखा को लेकर चर्चा की गई।
आमसभा के लिए गठित समिति में मस्तुरी विधायक दिलीप लहरिया के साथ पूर्व विधायक सियाराम कौशिक, पूर्व विधायक रश्मि आशीष सिंह और पूर्व मण्डी अध्यक्ष राजेन्द्र शुक्ला को व नगर निगम क्षेत्र की जिमेदारी महापौर प्रत्याशी प्रमोद नायक और पूर्व सभापति शेख नजीरुद्दीन को सौंपी गई है।