High Court: न्यायालय में इस संदर्भ में चालान प्रस्तुत
सेवाकाल में ही उनपर एक दांडिक प्रकरण दर्ज किया गया था। न्यायालय में इस संदर्भ में चालान प्रस्तुत किया गया। दांडिक प्रकरण के विचारण के दौरान वे सेवानिवृत्त हो गए। सेवानिवृत्ति के पश्चात उन्हें समस्त सेवानिवृत्ति लाभ से यह कहकर वंचित कर दिया गया कि उनके विरुद्ध एक दांडिक प्रकरण लंबित है। सेवानिवृत्ति तथा अन्य लाभ की पात्रता
High Court: दांडिक प्रकरण के अंतिम निराकरण के पश्चात ही
सेवानिवृत्ति लाभ जारी करने की जानकारी दी गई। इसके विरुद्ध विजय कुमार ने अधिवक्ता सुशोभित सिंह एवं सीआर साहू के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की। याचिका में बताया गया कि कर्मचारी के सेवानिवृत्ति लाभ को अनिश्चितकाल के लिए विभाग द्वारा रोका नहीं जा सकता। पेंशन नियम 64 के अनुसार कर्मचारी को सेवानिवृत्ति तथा अन्य लाभ की पात्रता होगी।