रणथंभौर से बजाल्या एनक्लोजर में शिफ्ट करने के बाद बाघिन की निगरानी के लिए टीम गठित की गई थी, जो हर दो घंटे में बाघिन के विचरण करने का तौर तरीका देखते है। निगरानी टीम द्वारा समय पर रेडियो कॉलर के फंसे होने के बारे में पता चलने पर तत्काल उच्चाधिकारियों को सूचना की। बाघिन एनक्लोजर में काफी आक्रामक व बाहर निकलने को आतुर नजर आ रही है।
अरविंद झा, उपवन संरक्षक,रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व, बूंदी