जिलाध्यक्ष लादूलाल मेघवाल ने बताया कि दिसंबर-2024 में ही राज्य सरकार एवं विभाग को कृषि पर्यवेक्षक संगठन की वाजिब मांगों के प्रति आकर्षित किया गया था, लेकिन अब तक किसी प्रकार की कोई प्रगति नहीं हुई है। ज्ञापन में कृषि पर्यवेक्षक से वरिष्ठ कृषि पर्यवेक्षक, वरिष्ठ कृषि पर्यवेक्षक से सहायक कृषि अधिकारी की पदोन्नति नहीं हुई, कृषि पर्यवेक्षक व वरिष्ठ कृषि पर्यवेक्षक को स्टेशनरी के लिए राशि नहीं दी जा रही है, अतिरिक्त चार्ज भत्ता राशि 2500 प्रति माह एवं बहुआयामी भत्ता 3750 रु प्रति माह कृषि पर्यवेक्षक एवं सहायक कृषि अधिकारी के पदों का अनुपात 4:1 एक पर किया जाए, प्रत्येक ग्राम पंचायत में कृषि पर्यवेक्षक का पद स्वीकृत किया जाए, पंचायत समिति स्तर पर कृषि अधिकारी का पद सृजित किया जाएं, वरिष्ठ कृषि पर्यवेक्षक से सहायक कृषि अधिकारी के पद पर पदोन्नति कोटा 75 प्रतिशत किया जाए सहित अन्य मांगों को लेकर सरकार की ओर से ध्यान आकर्षित किया गया है।
ज्ञापन में चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सभी मांगे नहीं मानी जाने पर अखिल राजस्थान राज्य कृषि पर्यवेक्षक समन्वय समिति द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा। इसके तहत 18 अगस्त को सभी ऑनलाइन कार्य का बहिष्कार किया जाएगा। संयुक्त महासंघ संरक्षक पुरूषोतम पारीक, संरक्षक हरिराम चौधरी, उपाध्यक्ष उद्यान मनीष मीणा, उपाध्यक्ष सीएडी द्वारकीलाल मीणा, संयुक्त महामंत्री लोकेश कहार, संगठन मंत्री महावीर प्रसाद मीणा आदि ने भी मांगो को लेकर अपनी बात रखी।