नैनवां उपखण्ड मुख्यालय से गोठड़ा बांध 30 किमी है तो इंद्राणी बांध 50 किमी है। इस बांध से उस बांध पर पहुंचने के लिए 80 किमी की दूरी पार करनी पड़ती है। मोतीपुरा बांध व माछली बांध भी 30 किमी दूर पड़ते है। मानसून शुरू होते ही उपखण्ड में नियुक्त एक ही कनिष्ठ अभियंता व एक ही बेलदार के लिए बांधों की निगरानी के लिए विकट स्थिति बन जाएगी।
कार्यवाहक सहायक अभियंता प्रदीप कुमार कसाना का कहना है कि कर्मचारियों की कमी से बांधों की निगरानी के लिए स्टाफ नहीं है। निगरानी के लिए ठेके पर श्रमिक लगाए जाने के लिए टेंडर किए है।
जल संसाधन विभाग के नैनवां उपखण्ड कार्यालय में भी स्टाफ नहीं है। कार्यालय का मुखिया सहायक अभियंता का पद रिक्त पड़ा है। कनिष्ठ अभियंता के दो पदों में से एक पद रिक्त पड़ा है। वरिष्ठ सहायक, कनिष्ठ के पद रिक्त पड़े है। सहायक सहायक कर्मचारियों के दो पदों में से एक पद रिक्त पड़ा है। एक ही कनिष्ठ अभियंता को ही 16 बांधों की देखरेख व निगरानी करनी पड़ी रही है, जिस दिन कनिष्ठ अभियंता फील्ड में होते है, उस दिन कार्यालय सहायक कर्मचारी के भरोसे ही रहता है।
दुगारी, पाईबालापुरा, रोनिजा, गोठड़ा, मोतीपुरा, इंद्राणी, माछली, बंसोली, बटावदी व पंचायतों के सुपुर्द किए सात बांधों अन्नपूर्णा जजावर, खोडी, खानपुरा, देई गंगासागर, बांकया, ढाढोन व तलवास बांध भी जल संसाधन विभाग के अधीन हो गए।