आवास के प्रक्रिया पूरी करने वाले आवेदकों ने बताया कि गांधी ग्राम तक के लिए सडक़ बनाई जा चुकी है एवं विद्युत व्यवस्था के लिए ट्रांसफार्मर भी लगाया जा चुका है, लेकिन पानी की उचित व्यवस्था अभी नहीं की गई है। फ्लैट के नलों में पानी नहीं आ रहा है, जिसके बारे में नगर परिषद के अधिकारियों को भी अवगत कराया जा चुका है।
ईडब्ल्यूएस श्रेणी के आवेदकों को कुल चार लाख 15 हजार रुपए जमा करवाने थे। इसमें पहली, दूसरी एवं तीसरी किस्त के रूप में सात-सात हजार, चौथी किस्त में तीन लाख सत्रह हजार एवं पांचवीं से लेकर 28वीं किस्त तक 3200 रुपए नगर परिषद के खाते में जमा करवाने थे। वहीं एलआइजी श्रेणी में छह लाख 54 हजार रुपए जमा करवाए जाने थे, जिसमें पहली, दूसरी एवं तीसरी किस्त के रूप में 14-14 हजार रुपए, चौथी किस्त में पांच लाख 4 हजार और पांचवीं से 28वीं किस्त तक 4500-4500 रुपए जमा करवाने थे। कई आवेदक अपनी पूर्ण किस्त जमा करवा चुके है, लेकिन अब उन्हें फ्लैट सुपुर्द नहीं किए गए है।
योजना में दो श्रेणी के फ्लैट बनाए जाने है, जिसमें ईडब्ल्यूएस में एक बेड रूम, कीचन व हॉल व एलआइजी में दो बेड रूम, कीचन व हॉल बनाए जाने है। योजना के तहत 1370 आवेदकों ने फार्म जमा करवाए थे। इन आवेदनों की चार बार में लॉटरी निकाली गइ थी। इसमें 914 आवेदन विभिन्न कारणों से निरस्त माने गए थे। ऐसे में 430 आवेदक नियमित रूप से फ्लैट के लिए निर्धारित राशि नगर परिषद के खाते में जमा करवाई है, लेकिन तय सीमा निकल जाने के बाद भी उन्हें फ्लैट नहीं मिल पा रहे है।
नगर परिषद के कर्मचारी गुलशन जैन ने बताया कि गत दिनों गांधी ग्राम में शिविर लगाया गया था, जहां लाभार्थियों को तैयार आवास का अवलोकन करवाया गया है। वहीं 35 जनों को आवास उपलब्ध करवाए जाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
सरोज अग्रवाल, सभापति, नगर परिषद, बूंदी