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वित्त मंत्री ने स्टार्टअप्स को सहयोग देने के लिए कई नई योजनाओं का एलान किया है:
- फंड ऑफ फंड्स योजना – सरकार ने 10,000 करोड़ रुपये की इस योजना की घोषणा की है, जिससे नए और उभरते स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता मिलेगी।
- लोन सीमा में बढ़ोतरी – स्टार्टअप्स के लिए लोन सीमा को 10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
- फोकस क्षेत्रों में लोन गारंटी कम की गई – 27 फोकस क्षेत्रों में ऋण गारंटी घटाकर 1% कर दी गई है, जिससे स्टार्टअप्स को सस्ते दरों पर कर्ज मिल सकेगा।
- सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों (MSMEs) के लिए राहत – MSMEs के लिए ऋण सीमा को 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
- कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड – उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत सूक्ष्म उद्यमों के लिए 5 लाख रुपये की सीमा वाले कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड शुरू किए जाएंगे। पहले वर्ष में 10 लाख कार्ड जारी किए जाएंगे।
युवाओं के कौशल विकास और शिक्षा पर जोर
सरकार ने इस बजट (Budget 2025) में शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए भी कई अहम घोषणाएं की हैं:
- राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र – पांच राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जहां आधुनिक तकनीक और वैश्विक विशेषज्ञता के साथ छात्रों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
- आईआईटी संस्थानों में विस्तार – पांच नए आईआईटी संस्थानों में बुनियादी ढांचा विकसित किया जाएगा। पिछले 10 वर्षों में आईआईटी में छात्रों की संख्या 65,000 से बढ़कर 1.35 लाख हो गई है, और इसे और बढ़ाने की योजना है।
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) शिक्षा – 500 करोड़ रुपये की लागत से एक विशेष कॉलेज स्थापित किया जाएगा, जहां कृत्रिम बुद्धिमत्ता से जुड़े पाठ्यक्रम संचालित होंगे।
- मेडिकल शिक्षा में बढ़ोतरी – अगले वित्त वर्ष में मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में 10,000 अतिरिक्त सीटें जोड़ी जाएंगी। अगले 5 वर्षों में कुल 75,000 नई सीटें जोड़ी जाएंगी।
- PM रिसर्च फेलोशिप योजना – तकनीकी अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए IIT और IISc में 10,000 फेलोशिप प्रदान की जाएंगी।
बजट 2025-26 किन बिंदुओं पर केंद्रित है?
वित्त मंत्री ने (Budget 2025-26) को विकास, निवेश और नवाचार पर केंद्रित रखा है। इसके मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:
- विकास की गति बढ़ाने पर जोर – आधारभूत संरचना, डिजिटल अर्थव्यवस्था और विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए बड़े निवेश किए गए हैं।
- समग्र विकास का लक्ष्य – शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में संतुलित आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए योजनाएं लाई गई हैं।
- निजी निवेश को बढ़ावा – स्टार्टअप्स और MSMEs को आर्थिक सहायता देकर निजी क्षेत्र को बढ़ाने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं।
- घरेलू मांग को मजबूत करना – मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति को बढ़ाने के लिए कर ढांचे में सुधार और रोजगार के नए अवसर पैदा किए गए हैं।
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बजट 2025 का असर और भविष्य की संभावनाएं
स्टार्टअप सेक्टर और युवाओं के लिए इस बजट (Budget 2025) को काफी उत्साहजनक माना जा रहा है। ‘फंड ऑफ फंड्स’ योजना से स्टार्टअप इकोसिस्टम (Budget 2025) को मजबूती मिलेगी और उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा। कौशल विकास और शिक्षा में निवेश से युवा पीढ़ी को नई तकनीकों से लैस किया जाएगा, जिससे भारत वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनेगा।