केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में जुलाई 2025 में बढ़ोतरी होगी। Patrika
जनवरी से जुलाई 2025 के महंगाई भत्ते का ऐलान सितंबर से अक्टूबर के बीच होगा लेकिन उससे पहले एक खबर केंद्रीय कर्मचारियों को चिंता में डाल सकती है। वह यह कि इस बार महंगाई भत्ते में बंपर बढ़ोतरी की उम्मीद न के बराबर है। क्योंकि महंगाई की दर लगातार घट रही है और यही सरकारी कर्मचारियों के Dearness Allowance में बढ़ोतरी में मददगार होती है।
जानकारों की मानें तो मई में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) के आंकड़े Dearness Allowance में बढ़ोतरी के लिहाज से उत्साहित नहीं कर रहे। हां, इससे घरेलू खर्च जरूर घटेगा। आंकड़ों के मुताबिक मई में CPI घटकर 2.82 प्रतिशत पर आ गया है, जो अप्रैल में 3.16 फीसदी था। यह छह साल के निम्न स्तर पर आ गया है। फरवरी 2019 में CPI rate 2.57 फीसदी था।
दूध-फल के दाम काफी नीचे आए
नेशनल स्टैटिस्टिक्स ऑफिस के मुताबिक CPI में गिरावट का कारण खाद्य मुद्रास्फीति की दर का कम होना है। यानी दाल, सब्जी, फल, अनाज, अंडे और घरेलू सामान की कीमतें घटीं हैं। महंगाई की गणना करने वाले एजी ऑफिस ब्रदरहुड के पूर्व अध्यक्ष हरिशंकर तिवारी बताते हैं कि रिटेल इंफ्लेशन का सीधा ताल्लुक Central Government Employees Dearness Allowance से है। रिटेल इंफ्लेशन जितना नीचे जाएगा महंगाई भत्ते पर उतना प्रतिकूल असर होगा।
AICPI के प्वाइंट में सुधार से कुछ उम्मीद जगी
तिवारी के मुताबिक हालांकि केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक अच्छी खबर है कि All India Consumer Price Index (AICPI) में पहले के महीनों के मुकाबले अप्रैल में कुछ सुधार हुआ है। इससे कुछ हद तक महंगाई भत्ते में 2 फीसदी तक बढ़ोतरी होने की उम्मीद जगी है।
क्या होता है महंगाई भत्ता
केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को हर महीने महंगाई भत्ता देती है। यह बेसिक सैलरी का प्रतिशत होता है। सरकार इस भत्ते को इसलिए देती है ताकि कर्मचारियों पर बाजार में महंगाई बढ़ने का असर कम से कम पड़े। मौजूदा समय में केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 55 फीसदी है।
केंद्र सरकार साल में दो बार महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी लागू करती है। एक जनवरी और दूसरा जुलाई में। यह बढ़ोतरी AICPI के आंकड़े के आधार पर होती है। सरकार बढ़ोतरी का ऐलान मार्च और सितंबर में करती है।
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