scriptऔने-पौने दाम में बेचनी पड़ी महंगी और लग्जरी SUV, मालिक ने कसा तंज- अच्छी समझ पर सरकार ने जुर्माना लगाया | delhi-diesel-ban-luxury-suv-sold-at-cheap-price-2025 | Patrika News
कारोबार

औने-पौने दाम में बेचनी पड़ी महंगी और लग्जरी SUV, मालिक ने कसा तंज- अच्छी समझ पर सरकार ने जुर्माना लगाया

Diesel Vehicle Ban Delhi 2025: दिल्ली के एक व्यक्ति को 55 लाख की SUV बेचना पड़ी, क्योंकि दिल्ली में डीजल कारों पर 10 साल बाद पाबंदी है।

भारतJul 03, 2025 / 02:34 pm

M I Zahir

Diesel Vehicle Ban Delhi 2025

दस साल पुरानी लाखों की SUV “बेकार कीमत” पर बेची। (फोटो: X Handle Kavish Aziz.)

Diesel Vehicle Ban Delhi 2025: डीजल वाहनों पर प्रतिबंध (Delhi diesel vehicle ban) लगने के कारण लोगों को अपनी खूबसूरत और महंगे वाहन औने पौने दामों (luxury SUV sold cheap) में बेचने पड़ रहे हैं। दिल्ली के रहने वाले रितेश गंडोत्रा ने साल 2018 में 55 लाख रुपये खर्च कर एक लक्ज़री रेंज रोवर SUV खरीदी थी। उन्होंने बताया कि गाड़ी का बेहद अच्छी तरह रखरखाव किया गया और ओडोमीटर पर केवल 74,000 किमी चली थी। गंडोत्रा ने कहा कि कोविड लॉकडाउन के दौरान दो साल तक गाड़ी खड़ी रही, यानी उसका इस्तेमाल कम हुआ था। वे दावा करते हैं कि कार आराम से 2 लाख किलोमीटर तक और चल सकती थी। ध्यान रहे कि दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 1 जुलाई से 10 साल से पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों पर रोक लगा दी गई है।

ईओएल नीति ने छीना विकल्प (10 year diesel car rule)

दिल्ली की “एंड ऑफ लाइफ” (EOL) नीति के तहत 10 साल से पुराने डीज़ल वाहनों का रजिस्ट्रेशन सीधा रद्द कर दिया जाता है। इस नियम के चलते उन्हें कार को NCR के बाहर बेहद कम कीमत पर बेचना पड़ा।

“साधारण समझ पर जुर्माना!”

रितेश ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराज़गी जताते हुए लिखा, “साफ-सुथरी गाड़ी को बेचना, ये सामान्य समझ पर जुर्माना है!” हालांकि उन्होंने पोस्ट बाद में हटा दी, लेकिन तब तक यह वायरल हो चुकी थी।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया

लोगों ने इस नीति को “अनुचित” बताते हुए सवाल उठाए। एक यूज़र ने लिखा, “अगर गाड़ी की हालत अच्छी है, तो वो 50 साल तक चल सकती है।” दूसरे ने कहा, “पुरानी कार बेचो, नई लो, फिर उस पर टैक्स दो – ये नीति सिरदर्द है।”

सिस्टम में बदलाव की मांग

कुछ यूज़र्स ने दिल्ली के शहरी ढांचे पर भी सवाल उठाए। कहा गया कि यदि सरकार सच में प्रदूषण कम करना चाहती है तो लोगों को ऐसा विकल्प दे जहां गाड़ी की ज़रूरत ही न हो।

सोशल मीडिया पर जबरदस्त प्रतिक्रिया

यह खबर आते ही सोशल मीडिया पर जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिली। लोगों ने दिल्ली-NCR में डीज़ल गाड़ियों पर 10 साल की सीमा को अव्यावहारिक और आम नागरिक के हितों के खिलाफ बताया। “यह पर्यावरण के नाम पर आर्थिक नुकसान है”, कई यूजर्स ने ट्वीट किया। ट्विटर, रेडिट और फेसबुक पर ट्रेंड करने लगा – #DieselBanDebate, #CarRights, #PollutionVsPolicy

क्या सरकार इस नीति में कोई बदलाव करेगी ?

क्या भविष्य में ऐसी गाड़ियों को रिन्यू करने या टेक्नोलॉजी से अपग्रेड करने का विकल्प मिलेगा?

सुप्रीम कोर्ट या NGT में इस नीति को चुनौती देने की कोई कानूनी कोशिश चल रही है क्या?
दूसरी मेट्रो सिटीज़ में EOL नीति कैसे लागू हो रही है – क्या वहां भी यही समस्याएं हैं?

आम आदमी बनाम नीति

रितेश जैसे हजारों कार मालिक हैं, जिनकी गाड़ियाँ बेहतरीन हालत में हैं लेकिन “नीति” के कारण उन्हें बर्बाद करना पड़ रहा है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल लॉबी बनाम पुरानी गाड़ी

क्या यह नीति इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियों को अप्रत्यक्ष बढ़ावा देने का तरीका है?

वाहन अपग्रेड स्कीम की मांग

कई विशेषज्ञ मानते हैं कि सरकार को स्क्रैपिंग के बदले अपग्रेडेशन या कन्वर्ज़न स्कीम लानी चाहिए।

प्रदूषण बनाम पेट्रोल डीज़ल डिबेट

वास्तव में दिल्ली में प्रदूषण की जड़ कौन? गाड़ियाँ या निर्माण, धूल और पराली?

इनपुट क्रेडिट:ट्विटर/X पर मूल पोस्ट: रितेश गंडोत्रा ।

यूज़र कमेंट्स स्रोत: ट्विटर, फेसबुक कम्युनिटी, रेडिट थ्रेड्स।
डाटा स्रोत: CPCB (Central Pollution Control Board) के प्रदूषण की सालाना रिपोर्ट्स।

ये भी पढ़ें: भोपाल और जयपुर जैसे शहरों में 5 BHK अपार्टमेंट इतने करोड़ कम में, फिर बोरीवली इतना महंगा क्यों ?

Hindi News / Business / औने-पौने दाम में बेचनी पड़ी महंगी और लग्जरी SUV, मालिक ने कसा तंज- अच्छी समझ पर सरकार ने जुर्माना लगाया

ट्रेंडिंग वीडियो