ट्राई ने वेबसाइट पर डाला परामर्श पत्र
अब ट्राई ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट www.trai.gov.in पर यह परामर्श पत्र उपलब्ध करा दिया है। इसमें विदेशी सिम कार्ड के नियमन से जुड़े कई मुद्दों को उठाया गया है।
1 अगस्त तक मांगी गईं टिप्पणियां
परामर्श पत्र पर सभी हितधारकों से 1 अगस्त, 2025 तक सुझाव (comments) और 18 अगस्त, 2025 तक प्रति-सुझाव (counter-comments) मांगे गए हैं। इच्छुक व्यक्ति अपने विचार ट्राई के सलाहकार अखिलेश कुमार त्रिवेदी को ईमेल (advmn@trai.gov.in) के जरिए भेज सकते हैं।
यह पहल डिजिटल इंडिया-तकनीकी सुरक्षा दोनों के लिहाज से बहुत अहम
ट्राई की यह पहल डिजिटल इंडिया और तकनीकी सुरक्षा दोनों के लिहाज से बेहद अहम मानी जा रही है। विदेशों में भेजे जाने वाले M2M और IoT उपकरणों में विदेशी सिम के इस्तेमाल से जुड़े डेटा सुरक्षा, नेटवर्क ट्रेसबिलिटी और नियमों को लेकर पहले से कोई स्पष्ट ढांचा नहीं था। अब ट्राई की ओर से नियम तय करने का यह कदम सभी हितधारकों को स्पष्टता देगा।
ट्राई का यह कदम और अहम पॉइंट्स
अब निगाहें इस पर रहेगी कि कितनी टिप्पणियाँ और सुझाव ट्राई को मिलते हैं। क्या टेलीकॉम कंपनियां और IoT उत्पादक इस ड्राफ्ट का समर्थन करेंगे या उसमें बदलाव चाहेंगे? सरकार इस नियम को लागू करने की समयसीमा कब तक तय करती है।
IoT हार्डवेयर सप्लाई चेन में बड़ा अवसर खुल सकता है
बहरहाल ट्राई का यह कदम भारत में “आत्मनिर्भर टेलीकॉम” दिशा में भी देखा जा सकता है। अगर विदेशी सिम पर नियंत्रण आता है तो इससे घरेलू टेलीकॉम ऑपरेटरों (जैसे Jio, Airtel, BSNL) के लिए वैश्विक IoT हार्डवेयर सप्लाई चेन में बड़ा अवसर खुल सकता है। दूसरी ओर, यह भी देखा जा सकता है कि क्या यह कदम वैश्विक निर्यातकों के लिए अड़चन बन सकता है, जिन्हें विदेशी नेटवर्क से जुड़े उपकरणों की ज़रूरत होती है।