ड्राइवरों में नाराजगी
पिछले महीने ब्लूस्मार्ट ने दिल्ली-एनसीआर, मुंबई और बेंगलुरु जैसे प्रमुख शहरों में अपनी सेवाएं अचानक बंद कर दीं, जिसके बाद कंपनी के हजारों ड्राइवर बेरोजगार हो गए। खबरों के मुताबिक, कंपनी ने ड्राइवरों को बिना किसी पूर्व सूचना के काम बंद करने की जानकारी दी, जिससे ड्राइवरों में भारी नाराजगी है। दिल्ली में 300 से अधिक महिला ड्राइवरों सहित अनुमानित 10,000 ड्राइवर इस बंद से प्रभावित हुए हैं। ड्राइवरों का कहना है कि कंपनी ने उनका बकाया भुगतान भी नहीं किया, और अब वे आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं।
एवेरा कैब्स की रणनीति: दिल्ली हवाई अड्डे पर वर्चस्व की योजना
एवेरा कैब्स ने ब्लूस्मार्ट की इन जब्त कारों को अपने बेड़े में शामिल करना शुरू कर दिया है और इसका लक्ष्य दिल्ली हवाई अड्डे पर अपनी सेवाओं को मजबूत करना है। एवेरा ने पहले से ही ब्लूस्मार्ट के लगभग 150 ड्राइवरों को अपने साथ जोड़ा है। कंपनी का कहना है कि वह इन वाहनों का उपयोग करके दिल्ली-एनसीआर में अपनी स्थिति को और मजबूत करेगी।
क्या है ब्लूस्मार्ट के डूबने की वजह?
ब्लूस्मार्ट के बंद होने के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि कंपनी के सह-संस्थापक पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप है, जिसके कारण कंपनी सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) की जांच के दायरे में आ गई है। इसके अलावा, कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट और आर्थिक संकट ने इसे बंद होने के कगार पर ला दिया। हालांकि, कुछ अफवाहों में यह भी कहा जा रहा है कि ब्लूस्मार्ट के प्रबंधन की अय्याशी और गलत वित्तीय निर्णयों ने कंपनी को इस स्थिति में पहुंचाया। लेकिन इन दावों की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, और इसे महज अटकलों के रूप में देखा जा रहा है।
क्या कहती हैं कंपनियां?
ब्लूस्मार्ट ने अभी तक अपने बंद होने या ड्राइवरों के बकाया भुगतान को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। वहीं, एवेरा कैब्स का कहना है कि वह ब्लूस्मार्ट के ड्राइवरों और वाहनों को अपने साथ जोड़कर न केवल अपनी सेवाओं का विस्तार कर रही है, बल्कि प्रभावित ड्राइवरों को रोजगार का अवसर भी दे रही है।