होम लोन: दो तरह की टैक्स छूट
ओल्ड रिजीम में होम लोन पर दो तरह की टैक्स छूट मिलती है। प्रिंसिपल अमाउंट पर धारा 80सी के तहत और ब्याज पर धारा 24बी के तहत टैक्स छूट मिलती है। हर वर्ष 1.5 लाख रुपए तक के प्रिंसिपल अमाउंट और 2 लाख रुपए तक के ब्याज पर टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। बना हुआ घर खरीदने, बन रहा घर खरीदने, घर बनवाने, घर का कायाकल्प करवाने पर होम लोन पर टैक्स छूट के फायदे मिलते हैं। आप भले ही होम लोन लेकर किराए पर रह रहे हों, तो भी प्रिंसिपल अमाउंट और इंट्रेस्ट अमाउंट पर टैक्स छूट का फायदा मिलेगा।
…तो सिर्फ 30,000 पर ही फायदा
होम लोन जिस तारीख को ली हो, उसके 5 साल के अंदर घर बनकर तैयार नहीं हो सका तो ब्याज पर टैक्स छूट का नियम बदल जाता है। होम लोन लेने के 5 साल बाद घर बनकर पूरा हो तो आप ब्याज पर हर वर्ष 2 लाख रुपए की जगह सिर्फ 30,000 रुपए पर ही टैक्स छूट का फायदा उठा पाएंगे। लेकिन इस दौरान आप किराए पर रह रहे हैं तो एचआरए पर टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं। होम लोन ईएमआई में ब्याज वाले हिस्से पर टैक्स छूट तभी मिलती है जब घर बन गया हो। अंडर-कंस्ट्रक्शन मकान के लिए नियम
अगर बना-बनाया घर खरीदा तो पहली ईएमआइ से ही प्रिंसिपल और इंट्रेस्ट, दोनों पर टैक्स छूट का फायदा मिलने लगेगा। लेकिन होम लोन लिया और मकान बन ही रहा है तो ईएमआई के सिर्फ प्रिंसिपल अमाउंट वाले हिस्से में से 1.5 लाख रुपए तक पर टैक्स छूट मिलेगी। अगर मकान 5 साल के अंदर बनकर तैयार हो जाता है तो जिस वर्ष मकान तैयार होगा, उस वर्ष से ईएमआई में ब्याज के 2 लाख रुपए तक पर टैक्स छूट मिलने लगेगी। साथ ही घर बनते वक्त चुकाई गई ईएमआई में जितना ब्याज चुकाया गया है, उसे पांच बराबर भागों में बांटकर अगले पांच साल तक टैक्स छूट का फायदा उठा पाएंगे।
टैक्स छूट की यह शर्त जान लीजिए
यानी, निर्माणाधीन मकान खरीदने पर जब मकान का निर्माण पूरा हो जाए, तब से आपको 2 लाख रुपए तक के ब्याज और पहले चुकाए गए ब्याज का पांचवां हिस्सा, दोनों पर एकसाथ छूट मिलने लगेगी। यह लाभ पांच साल तक मिलता रहेगा जब तक कि कंस्ट्रक्शन पूरा होने से पहले चुकाए गए ब्याज की कुल रकम पर टैक्स छूट का फायदा पूरा न हो जाए।
नई रेजीम में भी होम लोन पर टैक्स छूट
अगर आप होम लोन से खरीदे गए या बनवाए गए घर में खुद नहीं रहते हैं और उसे किराए पर लगा देते हैं तो होम लोन ईएमआई में ब्याज की पूरी रकम टैक्स छूट के दायरे में आ जाएगी और हर वर्ष 2 लाख रुपए की सीमा नहीं रहेगी। अगर मकान किराए पर लगा देते हैं तो नई टैक्स रिजीम में भी पूरे ब्याज पर टैक्स छूट का फायदा मिलता है।