भारतीय गृहणियों ने कमाए 59 लाख करोड़ रुपए, 15 साल में खरीदा 12,000 टन Gold
Women Investor: अनुभवी बैंकर उदय कोटक ने ‘भारतीय गृहिणीयों’ की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह दुनिया की सबसे चतुर फंड मैनेजर है, क्योंकि उन्होंने देश में ‘हमेशा के लिए मूल्य का भंडार यानी सोना आयात किया।
Investment in Gold: भारतीय घरों में रखा सोना अब देश की बड़ी आर्थिक ताकत बन चुका है। दुनिया के सबसे बड़े बैंक जेपी मॉर्गन के संस्थापक जॉन पियरपोंट मॉर्गन ने कहा था, ‘सोना‘ पैसा है। बाकी सब कुछ ऋण (क्रेडिट) है’। इस बात को भारतीय गृहणियों ने सबसे बेहतर तरीके से समझा। भारतीय महिलाओं ने पिछले 15 साल में करीब 12,006 टन सोना 589.5 अरब डॉलर यानी 50.32 लाख करोड़ रुपए में खरीदा, जिसकी कीमत आज के बाजार मूल्य के हिसाब से 1275 अरब डॉलर यानी 108.85 लाख करोड़ रुपए से भी अधिक हो गई है। यानी सोने की इस खरीदारी से भारतीय गृहणियों को करीब 686 अरब डॉलर यानी लगभग 59 लाख करोड़ रुपए का लाभ हुआ।
सबसे खास बात यह है कि महिलाओं ने यह निवेश बिना किसी सरकारी योजना या विदेशी सलाह के किया। यानी भारत की आम गृहिणियों ने चुपचाप यह धन अर्जित किया। यही वजह है कि एक्स पर हाल ही में लिखे गए एक पोस्ट में अनुभवी बैंकर उदय कोटक ने ‘भारतीय गृहिणीयों’ की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह दुनिया की सबसे चतुर फंड मैनेजर है, क्योंकि उन्होंने देश में ‘हमेशा के लिए मूल्य का भंडार यानी सोना आयात किया। जब आरबीआइ सहित विकसित देशों के केंद्रीय बैंक और सरकारें पैसे छापने में लगी हुई थीं, तब भारतीय महिलाओं ने देश मेंं सोने की असली संपत्ति बसाई।
भारत में कितना सोना
> 27,000 टन से अधिक सोना भारतीय परिवारों के पास होने का अनुमान वल्र्ड दोल्ड काउंसिल का, जो अमरीकी केंद्रीय बैंक के कुल गोल्ड रिजर्व से 3 गुना से भी अधिक
> 3,000 से 5,000 टन सोना दक्षिण भारत में मंदिरों के पास होने का अनुमान इंडियन गोल्ड पॉलिसी सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक > 876.6 टन सोना था आरबीआइ के गोल्ड रिजर्व में मार्च 2025 तक, कुल विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 13% हिस्सेदारी
> 14% दुनिया का कुल निकाला गया सोना भारत के पास, इसकी कीमत 4.9 ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान, सोने की मौजूदा कीमतों के मुताबिक
गोल्ड इन्वेस्टमेंट टिप्स
भारतीय परिवारों के पास 27,000 टन से अधिक सोना
पिछले 15 वर्षों में भारतीय परिवारों की ओर से की गई सोने की कुल खरीद में 8,696 टन आभूषण और शेष 3,310 टन बार और सिक्कों के रूप में थे। वल्र्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय परिवारों के पास 27,000 टन से भी अधिक सोना है, जो अमरीकी केंद्रीय बैंक के कुल स्वर्ण भंडार से 3.5 गुना से भी अधिक और आरबीआइ के गोल्ड रिजर्व से 30 गुना से भी अधिक है।
महिलाओं ने बढ़ाया देश का खजाना
कुल खरीद
12,006 टन
ज्वेलरी के रूप में
8,696 टन
सिक्के-गोल्ड गोल्ड
3,310 टन
भारत में कुल सोना
30,000 टन
गोल्ड ने दिया सबसे बेहतर रिटर्न
निफ्टी
292%
एसएंडपी
276%
गोल्ड (डॉलर में)
298%
गोल्ड (रुपए में)
800%
‘सोने की चिड़िया’
इतिहास में भारत को ‘सोने की चिडिय़ा’ कहा जाता था, लेकिन अब यही खजाना देश के घरों में फिर से जमा हो गया है। बिना किसी हेडलाइन, बिना किसी प्रचार के भारतीय गृहिणियों ने ऐसा धन सहेजा है, जो अब दुनिया की आंखों में चमक बन गया है। अगर सरकार इस सोने को सही तरीके से मोनेटाइज करे, तो यह भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई पर ले जा सकता है। महंगाई, युद्ध और वैश्विक संकट के दौरान सोने की चमक नहीं फीकी पड़ी। यानी यह एक ऐसा एसेट है, जिसकी मांग हमेशा बनी रहती है।