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मिनटों में करोड़ों का खेल! SEBI ने जेन स्ट्रीट पर कसा शिकंजा,भारतीय बाजारों से निकाला, 4,843 करोड़ जब्त

Jane Street expiry trading manipulation: सेबी ने जेन स्ट्रीट पर बाजार में हेरफेर करने का आरोप लगाते हुए ₹4,843 करोड़ जब्त किए। एक्सपायरी के दिन की गई ट्रेडिंग गतिविधियों से इस घोटाले का पर्दाफाश हुआ।

भारतJul 06, 2025 / 09:30 am

M I Zahir

Jane Street expiry trading manipulation: सेबी ने अमेरिकी क्वांट ट्रेडिंग कंपनी जेन स्ट्रीट और इसकी चार फर्मों को कानून के खिलाफ बताया कि उन्होंने इंडेक्स ऑप्शन और फ्यूचर ट्रेडिंग (Option Trading Manipulation) के ज़रिए भारत में अनुचित लाभ कमाया। इसके चलते SEBI ने 4,843 करोड़ रुपये जब्त कर बैंक खातों को फ्रीज़ (Jane Street India Ban) करने का आदेश दिया। वहीं कंपनी को भारतीय बाजारों (SEBI Expiry Day Action)से बाहर निकाल दिया। ध्यान रहे कि मासिक और साप्ताहिक एक्सपायरी से पहले कंपनी बड़े ऑर्डर्स भेजकर निफ्टी और बैंक‑निफ्टी इंडेक्स के क्लोज़िंग प्राइस को प्रभावित करती थी। इसके बाद पहले खोयी पोज़िशन से भारी मुनाफा कमाती थी ।

मिरर ट्रेडिंग और नकली वॉल्यूम उत्पन्न किया गया

जेन स्ट्रीट की फर्मों ने एक साथ खरीद और बिक्री करके नकली ताकत और वॉल्यूम दिखाया, जिससे इंडेक्स पर नियंत्रण बना रह सके – जबकि इनका वास्तविक जोखिम या मुनाफा बाहर से नहीं दिखता था ।

SEBI ने दर्ज किए अरबों रुपये के लाभ अवैध

SEBI का कहना है कि जनवरी 2023 से मार्च 2025 तक जेन स्ट्रीट ने 36,500 करोड़ रुपये का कुल मुनाफा कमाया, जिसमें से 43,289 करोड़ ऑप्शंस से थे। इसमें से इंडेक्स मैनिपुलेशन से 4,843 करोड़ रुपये जब्त किए गए

बाजार की रक्षा के लिए कदम उठाए गए

SEBI ने कंपनी को भारतीय बाजारों में बंद कर दिया और इस अवधि तक कोई ट्रेडिंग पर रोक लगाई है। साथ ही सभी बैंक खाते सील करवा दिए गए हैं और खुली पोज़िशन बंद करने के लिए तीन महीने या एक्सपायरी तक का समय दिया गया ।

जेन स्ट्रीट का रुख़

कंपनी मानती है कि उसने नियमों का उल्लंघन नहीं किया। उन्होंने SEBI से बहस करने और मामले को स्पष्ट करने का आश्वासन दिया है ।

क्या है मामला – पूरी कहानी

जेन स्ट्रीट नाम की एक बड़ी अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म पर आरोप है कि उसने भारत के शेयर बाज़ार में एक बहुत ही तेज़ और चतुर रणनीति अपनाकर हज़ारों करोड़ रुपये का मुनाफ़ा कमाया। इसने ‘एक्सपायरी डे’ यानी विकल्पों की अंतिम तिथि वाले दिन मार्केट को जान-बूझकर कुछ मिनटों में ऊपर-नीचे किया ताकि इसके पास जो ऑप्शन ट्रेड थे, वो फायदे में आ जाएं।सुबह बाजार खुलते ही, कंपनी ने बैंक निफ्टी और निफ्टी-50 के स्टॉक्स और फ्यूचर्स में भारी निवेश किया। इससे बाज़ार में एक दिशा का भ्रम बनता था। फिर बाज़ार बंद होने से कुछ मिनट पहले उन शेयरों को तेज़ी से बेचकर कीमतों को गिरा या बढ़ा दिया जाता। इसका सीधा फायदा उनके ऑप्शन ट्रेड्स को मिलता, जो उन्हीं कीमतों पर निर्भर थे।

एक दिन का उदाहरण

17 जनवरी 2024 को, जेन स्ट्रीट ने पहले ₹4,370 करोड़ की खरीदारी की। शाम तक वही पोजिशन बेचकर और ऑप्शन्स शॉर्ट करके ₹673 करोड़ का फायदा उठा लिया।

मुनाफा कितना कमाया ?

SEBI के मुताबिक: जनवरी 2023 से मार्च 2025 तक कुल मुनाफा: ₹36,500 करोड़ से ज्यादा।
सिर्फ ऑप्शन ट्रेडिंग से कमाया: ₹43,000 करोड़ के आसपास।

SEBI ने फिलहाल इस मुनाफे में से ₹4,843 करोड़ जब्त कर लिए हैं।

कब-कब किया गया ऐसा ?

SEBI ने 18 ऐसे ट्रेडिंग दिन चिह्नित किए हैं जब ये रणनीति अपनाई गई:
15 बार Bank Nifty में

3 बार Nifty 50 में

हर बार ट्रेडिंग क्लोजिंग के 30 मिनट पहले ऐसे ऑर्डर लगाए गए जो मार्केट को प्रभावित करते थे।

इस केस में किसने क्या कहा ?

सेबी (रेग्युलेटर) का रुख: SEBI ने इसे “फ्रॉड जैसा व्यवहार” बताया और तुरंत कार्रवाई करते हुए अंतरिम बैन और मनी सीज़र का आदेश जारी कर दिया।
ट्रेडर्स, मिड-कैप ट्रेडर्स और ब्रोकर कम्युनिटी ने कहा: “यह ट्रेडिंग का एक बहुत ही चालाक लेकिन ग़लत तरीका था। अच्छा हुआ SEBI ने कदम उठाया।”

जेन स्ट्रीट की सफाई: कंपनी ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया और सेबी को अपनी बात समझाने के लिए पूरी कोशिश करेंगे।

सुलगते सवाल : अब क्या होगा आगे ?

SEBI का आदेश अभी अंतरिम (अस्थायी) है, लेकिन जांच के बाद यह स्थायी कार्रवाई में बदल सकता है।

जेन स्ट्रीट इस पर SAT (Securities Appellate Tribunal) में अपील कर सकती है।
सेबी अब इस तरह की ट्रेडिंग रोकने के लिए डेरिवेटिव नियमों में बदलाव कर रहा है -जैसे एक्सपायरी की तारीखें बदलना, ऑटो ऑडिट लागू करना।

यह पहलू नजरअंदाज ना करें

एल्गोरिदम पर कड़ी नजर:
सेबी अब हर उस ट्रेडिंग सिस्टम का ऑडिट करेगी, जो तेजी से बड़ी मात्रा में ऑर्डर प्रोसेस करता है।
रिटेल इनवेस्टर्स का नुकसान

आम निवेशक, जो बिना जानकारी के ट्रेडिंग कर रहे थे, इस चालबाज़ी के कारण नुकसान में गए।

भारत में विदेशी हस्तक्षेप

यह मामला यह भी दिखाता है कि विदेशी फर्में भारतीय बाजार को कैसे टेक्नोलॉजी से प्रभावित कर सकती हैं — और भारत अब उन्हें रोकने के लिए सतर्क है।

नियामकों ने साबित किया कि बाजार ईमानदारी से चलता है

बहरहाल यह सिर्फ मुनाफे की बात नहीं थी। यह पूरा मामला दिखाता है कि कैसे एक मिनटों में किए गए ट्रेड्स हज़ारों करोड़ का खेल बना सकते हैं, लेकिन नियामकों की सतर्कता ने यह साबित किया कि बाजार सिर्फ तेज़ होने से नहीं, ईमानदारी से चलता है। जेन स्ट्रीट ने तेज़ तर्रार algorithm चलाकर भारतीय इंडेक्स को प्रभावित किया, जिससे उन्हें मिनटों में करोड़ों रुपये का लाभ मिला। सेबी ने साहसिक कार्रवाई करते हुए भारी पैसा जब्त किया और विदेशी फर्मों को बाजार से दूर रखा और साफ संदेश दिया कि भारत में बाजार मैनिपुलेशन बर्दाश्त नहीं होगा।

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