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डॉर्मेंट अकाउंट्स डॉर्मेंट अकाउंट वे होते हैं जिनमें दो साल या उससे अधिक समय तक कोई लेनदेन नहीं हुआ हो। ऐसे अकाउंट्स साइबर अपराधियों के लिए आसान निशाना बनते हैं। इन खातों को बंद करने का फैसला आरबीआई (RBI) ने ग्राहकों और बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा के मद्देनजर लिया है।
इनएक्टिव अकाउंट्स 12 महीने या उससे अधिक समय तक जिन खातों में कोई गतिविधि नहीं हुई है, उन्हें इनएक्टिव अकाउंट (RBI) माना जाता है। ऐसे खातों को भी बंद करने का निर्णय लिया गया है ताकि धोखाधड़ी की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।
जीरो बैलेंस अकाउंट्स जो खाते लंबे समय से खाली पड़े हैं और जिनमें कोई न्यूनतम बैलेंस नहीं है, उन्हें भी बंद किया जाएगा। जीरो बैलेंस अकाउंट्स का दुरुपयोग रोकने और ग्राहकों को बैंकिंग प्रणाली के साथ सक्रिय बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया है।
RBI का उद्देश्य और फैसले के पीछे कारण
बीते कुछ वर्षों में साइबर अपराध के मामलों में वृद्धि देखी गई है, खासकर ऐसे अकाउंट्स के साथ जो लंबे समय तक निष्क्रिय रहे हैं। आरबीआई (RBI) का मानना है कि इन खातों को बंद करने से वित्तीय धोखाधड़ी के जोखिम को कम किया जा सकेगा। साथ ही, यह कदम बैंकिंग प्रणाली को अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाएगा।
क्या आप बचा सकते हैं अपना खाता?
अगर आपका खाता इन तीन श्रेणियों में आता है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। आरबीआई ने खाताधारकों को मौका दिया है कि वे KYC (Know Your Customer) प्रक्रिया पूरी करके अपने खाते को फिर से सक्रिय करवा सकते हैं। ये भी पढ़े:- आधे महीने बंद रहेंगे बैंक, जानें छुट्टियों की पूरी लिस्ट, समय पर निपटाएं जरूरी काम KYC प्रक्रिया पूरी करने के लिए
अपने नजदीकी बैंक शाखा से संपर्क करें। पहचान पत्र और पते के प्रमाण की जानकारी अपडेट करें। कुछ बैंकों में यह प्रक्रिया ऑनलाइन (RBI) भी की जा सकती है। इसके अलावा, खाताधारकों को सलाह दी गई है कि वे अपने खाते में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखें और नियमित रूप से लेनदेन करते रहें। इससे खाता सक्रिय रहेगा और बंद होने से बचा रहेगा।