Guaranteed income के चक्कर में पड़कर बहुत से लोग लुट चुके हैं। Patrika
क्या आपको कोई मैसेज आया है, जिसमें गारंटीड रिटर्न या हर महीने तय इनकम का वादा किया गया है? या फिर किसी यूट्यूब वीडियो में किसी Trading Guru ने हाई प्रॉफिट के सपने दिखाए हैं? अगर हां, तो संभल जाइए। ऐसा कोई भी वादा, भले ही कितना भी लुभावना लगे स्टॉक मार्केट के नियमों के खिलाफ है। सेबी (SEBI) और एनएसई (NSE) की गाइडलाइंस साफ हैं कि ना कोई गारंटीड रिटर्न, ना कोई फिक्स इनकम स्कीम स्टॉक मार्केट में मान्य है। आपको अपने पैसे उन्हीं फर्मों के साथ लगाने चाहिए, जो सेबी के पास रजिस्टर हों और उससे पहले यह भी जांच लें कि आप जिन स्टॉक में निवेश करने जा रहे हैं, उनके प्राफिट लॉस स्टेटमेंट क्या हैं।
1- लालच से बचें : ईमेल, मैसेज या वीडियो में आने वाले हाई रिटर्न वाले ऑफर अक्सर फर्जी होते हैं। इन्हें इग्नोर करें। 2- लोन जैसा एग्रीमेंट न करें : कोई ब्रोकर या उसका प्रतिनिधि अगर आपको कहे कि वो आपके फंड पर ब्याज देगा या सिक्योरिटी पर गारंटी देगा, तो अलर्ट हो जाएं। ये गैरकानूनी है।
3- KYC खुद भरें : अपने केवाईसी फॉर्म खुद भरें, किसी एजेंट के भरोसे न छोड़ें और अपने दस्तावेजों की कॉपी ब्रोकर से जरूर लें। 4- पासवर्ड न बांटें : अपनी लॉगिन आईडी, पासवर्ड, ओटीपी या टी-पिन किसी के साथ भी शेयर न करें, चाहे वह ब्रोकर का कर्मचारी ही क्यों न हो।
5- ट्रेड खुद वेरीफाई करें : NSE की वेबसाइट पर जाकर आप चेक कर सकते हैं कि आपके नाम से जो ट्रेड हुआ है, वह सही में आपकी ही मंजूरी से हुआ है या नहीं।
6- डिलीवरी और सेटलमेंट का ट्रैक रखें : आपके फंड्स और सिक्योरिटीज तय समय (T+1 दिन) में आपके पास आ जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो ब्रोकर से लिखित शिकायत करें।
7- नकद लेन-देन पर रोक : स्टॉक मार्केट में कैश में डीलिंग अवैध है। सिक्योरिटीज किसी भी हालत में ब्रोकर को सीधे हाथ में न दें। उन्हें सिर्फ अपने Demat Account से ट्रांसफर या प्लेस करें।
8- DDPI/POA जरूरी नहीं : डीडीपीआई या पावर ऑफ अटॉर्नी देना आपकी मर्जी पर निर्भर है। ब्रोकर इसे लेने के लिए जबरदस्ती नहीं कर सकता।
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10- हर SMS/ईमेल पढ़ें : एनएसई या ब्रोकर से आने वाला हर नोटिफिकेशन पढ़ें और किसी भी गड़बड़ी की तुरंत शिकायत लिखित में दर्ज करें। 11- ध्यान रखें कि अगर आपने कोई फंड सिर्फ इस वादे पर ब्रोकर को दे दिया कि रिटर्न आएगा, लेकिन वो पैसा स्टॉक मार्केट में निवेश ही नहीं हुआ, तो NSE आपकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं करेगा।