गांव में घुसने नहीं देंगे
उन्होंने कहा कि यह जाति का नहीं, गरीबों और बिहारियों पर हमला है। पप्पू यादव ने कहा कि हमने अपने लोगों को कहा है कि वोटर वेरिफिकेशन प्रक्रिया में तैनात बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) को गांव में नहीं घुसने देंगे। हमने तो गांव में कहा है कि कोई दस्तावेज नहीं देना है। जरूरत पड़े तो उनको गांव से भगा दो।
कांग्रेस भी कर रही विरोध
कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी, सीपीआई, सीपीआई समेत 11 विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल बुधवार शाम को चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात कर कहा है कि मतदाता सत्यापन के लिए जो 11 दस्तावेज मांगे जा रहे हैं वे ज्यादातर लोगों के पास नहीं हैं। इससे करोड़ों लोग मतदाता सूची से बाहर हो जाएंगे। इस तरह बिहार के गरीब और दूसरे राज्यों में काम करने वाले लोगों का वोट डालने का अधिकार खतरे में पड़ गया है।
विधानसभा चुनाव से पहले ही क्यों?
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि भारत के दूसरे सबसे ज्यादा मतदाताओं की आबादी वाले राज्य बिहार में अगर वोटर लिस्ट का विशेष गहन पुनरीक्षण करना ही था तो इसकी घोषणा चुनाव से ठीक पहले जून में क्यों की गई? इसे बिहार चुनाव के बाद कराया जा सकता था।