ये भी पढ़े:- असुरक्षित व्यक्तिगत Loan से बैंकों में बढ़ा जोखिम, फिच रेटिंग्स के शाश्वत गुहा ने दी चेतावनी क्यों हो रहा है यूपीआई में यह बदलाव? (UPI Digital Payment)
एनपीसीआई (NPCI) के नए नियम के अनुसार, अब यूपीआई ट्रांजेक्शन आईडी (UPI Digital Payment) केवल अल्फान्यूमेरिक (अक्षर और संख्याओं का मिश्रण) होनी चाहिए। यानी यदि किसी ट्रांजेक्शन आईडी में @, #, &, %, या अन्य विशेष अक्षर होंगे, तो उस भुगतान को स्वीकार नहीं किया जाएगा। एनपीसीआई का यह कदम यूपीआई सिस्टम को अधिक संगठित, सुरक्षित और सुचारू बनाने के लिए उठाया गया है। ट्रांजेक्शन आईडी में 35-अक्षर की सीमा तय की गई है, जिससे सभी यूपीआई भुगतान में एकरूपता बनी रहे और तकनीकी गलतियां कम हों।
NPCI क्या है?
एनपीसीआई (NPCI) का पूरा नाम भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम है। यह एक संगठन है जो भारत में खुदरा भुगतान और निपटान प्रणालियों का संचालन और प्रबंधन करता है। इसकी स्थापना वर्ष 2008 में की गई थी। एनपीसीआई का गठन भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और भारतीय बैंक संघ (IBA) के सहयोग से किया गया था।
UPI उपयोगकर्ताओं पर क्या असर पड़ेगा?
इस बदलाव से उन उपभोक्ताओं को परेशानी हो सकती है, जो ऐसे यूपीआई ऐप्स का उपयोग कर रहे हैं जो अभी तक एनपीसीआई (NPCI) के इस नए नियम का पालन नहीं कर रहे हैं। यदि आपका यूपीआई ऐप अभी भी विशेष अक्षर वाले ट्रांजेक्शन आईडी जेनरेट करता है, तो 1 फरवरी 2025 के बाद आपके यूपीआई भुगतान फेल हो सकते हैं। UPI सिस्टम में यह बदलाव क्यों जरूरी है?
- लेन-देन को अधिक संगठित बनाना – भारत में 200 से अधिक यूपीआई ऐप्स मौजूद हैं, और हर ऐप का ट्रांजेक्शन आईडी बनाने का तरीका अलग होता है। नया नियम सभी लेन-देन को ट्रैक करना आसान बनाएगा।
- सिस्टम की दक्षता बढ़ाना – विशेष अक्षरों को हटाने से यूपीआई लेन-देन की प्रोसेसिंग अधिक तेज और त्रुटिरहित होगी।
- सुरक्षा सुनिश्चित करना – कुछ विशेष अक्षर तकनीकी त्रुटियों और सुरक्षा खामियों को जन्म दे सकते हैं। इस नए नियम से यूपीआई लेन-देन को अधिक सुरक्षित बनाया जाएगा।
कैसे बचें UPI भुगतान संबंधी समस्याओं से?
- अपने यूपीआई ऐप की जांच करें – यह सुनिश्चित करें कि आपका यूपीआई ऐप नए नियमों के अनुरूप ट्रांजेक्शन आईडी बना रहा है।
- ऐप अपडेट करें – यदि आपका यूपीआई ऐप पुराने संस्करण पर चल रहा है, तो तुरंत अपडेट करें।
- उपयुक्त यूपीआई सेवा का चयन करें – यदि आपका मौजूदा यूपीआई ऐप नए नियमों का पालन नहीं कर रहा है, तो किसी अन्य विश्वसनीय यूपीआई ऐप पर स्विच करें।
उद्योग पर क्या असर पड़ेगा?
यह बदलाव यूपीआई सेवा (UPI Digital Payment) प्रदाताओं के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीकी बदलाव लाएगा। ओंगो के कार्यकारी उपाध्यक्ष आलोक सिंह का मानना है कि 35-अंकीय अल्फान्यूमेरिक ट्रांजेक्शन आईडी से लेन-देन को ट्रैक करना आसान होगा और रिकॉर्ड रखने में पारदर्शिता आएगी। एनटीटी डेटा के राहुल जैन का कहना है कि यह कदम यूपीआई प्रणाली के मानकीकरण और सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
महत्वपूर्ण बातें
- 1 फरवरी 2025 से यूपीआई ट्रांजेक्शन आईडी में विशेष अक्षरों की अनुमति नहीं होगी।
- सभी यूपीआई ऐप्स को 35-अक्षर की अल्फान्यूमेरिक आईडी का पालन करना होगा।
- यह नियम यूपीआई सुरक्षा, दक्षता और मानकीकरण को बेहतर बनाएगा।
- उपयोगकर्ताओं को अपने यूपीआई ऐप्स को अपडेट करना होगा ताकि भुगतान में कोई समस्या न आए।
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यूपीआई उपयोगकर्ताओं के लिए क्या करना जरूरी है?
भारत में डिजिटल भुगतान (UPI Digital Payment) की लोकप्रियता बढ़ रही है, और यूपीआई अब सबसे पसंदीदा भुगतान प्रणाली बन चुकी है। इसलिए यह जरूरी है कि उपयोगकर्ता समय रहते इस बदलाव के लिए खुद को तैयार कर लें। यदि आप यूपीआई से भुगतान करते हैं, तो अभी से अपने यूपीआई ऐप की जांच करें, यह देखें कि आपका ऐप एनपीसीआई के नए दिशानिर्देशों का पालन कर रहा है या नहीं। यदि नहीं, तो जल्द से जल्द अपने ऐप को अपडेट करें या किसी अन्य विश्वसनीय यूपीआई सेवा का उपयोग करें।