एलोपैथिक दवाएं और इंजेक्शन जब्त किए
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने क्लीनिक से बड़ी मात्रा में एलोपैथिक दवाएं और इंजेक्शन जब्त किए। यह कार्रवाई एसडीएम अखिल राठौर और तहसीलदार के निर्देश पर की गई थी। इसके बाद बीएमओ डॉ. गिरीश साहू ने 27 मई को विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया और 29 मई को ईशानगर थाने में जमील खान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई। एफआईआर मप्र उपचार्य गृह अधिनियम, रजोपचार्य अधिनियम और मप्र राज्य आयुर्विज्ञान परिषद अधिनियम के अंतर्गत दर्ज की गई है।
मरीजों की जान जोखिम में डाली जा रही
जांच के दौरान यह भी पाया गया कि जमील खान मरीजों को एलोपैथिक दवाएं देकर गंभीर खतरा उत्पन्न कर रहा था। बिना किसी पंजीकरण और प्रशिक्षण के इस तरह की गतिविधि से मरीजों की जान जोखिम में डाली जा रही थी। यही कारण है कि स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कठोर कार्रवाई की है। क्लीनिक को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया है और यह सुनिश्चित किया गया है कि भविष्य में जमील खान किसी भी प्रकार की चिकित्सा सेवा प्रदान न कर सके। इस कार्रवाई के दौरान ईशानगर के बीएमओ डॉ. गिरीश साहू और थाना प्रभारी शैलेन्द्र सक्सेना स्वयं मौके पर मौजूद रहे।
झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ अभियान लगातार जारी रहेगा
प्रशासन की इस कार्रवाई ने क्षेत्र में चल रही फर्जी चिकित्सा गतिविधियों के खिलाफ सख्त संदेश दिया है। बीएमओ डॉ. साहू ने बताया कि जिले में ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ अभियान लगातार जारी रहेगा और किसी भी व्यक्ति को बिना योग्यताएं पूरी किए चिकित्सा सेवा देने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ईशानगर सहित पूरे क्षेत्र के नागरिकों से अपील की गई है कि वे किसी भी अप्रशिक्षित या गैरपंजीकृत व्यक्ति से इलाज न कराएं और केवल मान्यता प्राप्त चिकित्सकों तथा पंजीकृत अस्पतालों से ही चिकित्सा सेवा प्राप्त करें। यह कार्रवाई न केवल कानून का पालन सुनिश्चित करने के लिए की गई है, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य और जीवन की सुरक्षा के लिए भी बेहद आवश्यक कदम है।