जिनके छात्र वे नहीं बनेंगे केंद्राध्यक्ष
जिला शिक्षा अधिकारी आरपी प्रजापति के अनुसार, सभी परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं, ताकि परीक्षा में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। इस बार केंद्राध्यक्ष और सहायक केंद्राध्यक्ष के चयन में भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। केंद्राध्यक्ष और सहायक केंद्राध्यक्ष वही शिक्षक बन सकेंगे, जिनके बच्चे परीक्षा में शामिल नहीं हो रहे हैं, और वे शारीरिक रूप से सक्षम होने चाहिए। इन पदों पर नियुक्ति के लिए रेंडम पद्धति से चयन किया जाएगा।
आपात समस्या के समाधान के लिए बनाए रिजर्व केंद्र
जिले में कुल 82 परीक्षा केंद्रों का निर्धारण किया गया है, जिसमें से 20 फीसदी केंद्र रिजर्व के रूप में रखे जाएंगे। इस निर्णय का उद्देश्य यह है कि यदि किसी परीक्षा केंद्र में कोई समस्या उत्पन्न होती है, तो उसे तुरंत अन्य केंद्र से बदलकर परीक्षा प्रक्रिया को बाधित होने से बचाया जा सके। परीक्षा के आयोजन को लेकर शिक्षा विभाग ने कलेक्टर को केंद्राध्यक्ष, सहायक केंद्राध्यक्ष और पर्यवेक्षकों की नियुक्ति के लिए गाइडलाइंस भी जारी की हैं। कलेक्टर की अध्यक्षता में एक जिला स्तरीय समिति बनेगी, जो इन चयनित पदों के लिए अंतिम निर्णय लेगी।
एप के माध्यम से अधिकारियों की भी होगी ट्रैकिंग
विभाग के अधिकारियों द्वारा यह भी कहा गया है कि यदि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी समय पर अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं करता है तो उसे सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। इसके लिए एक एप के माध्यम से अधिकारियों की ट्रैकिंग की जाएगी और उनकी अनुपस्थिति सर्वर पर दर्ज की जाएगी।
इस बार 50 हजार छात्र-छात्राएं
इस बार परीक्षा में कक्षा 10वीं के 29828 और कक्षा 12वीं के 21084 छात्र-छात्राएं शामिल होंगे। शिक्षा विभाग ने इस बार परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त न करने का स्पष्ट संदेश दिया है और परीक्षा की गोपनीयता बनाए रखने पर जोर दिया है। विभाग के अधिकारियों ने कहा कि जिले के अधिकांश स्कूलों में पहले से सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, जबकि जिन स्कूलों में कैमरे नहीं लगे हैं, वहां के प्राचार्यों को निर्देश दिए गए हैं कि वे बोर्ड परीक्षा से पहले कैमरे लगवाएं।