मंडल की सौर उर्जा क्षमता 1204 किलोवाट हुई
इस पहल के साथ ही मंडल की कुल सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता बढकऱ 1204 किलोवाट हो चुकी है। पहले ग्वालियर स्टेशन पर स्थापित 640 किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट्स को स्टेशन पुनर्विकास कार्य के कारण रेल कोच नवीनीकरण कारखाना, झांसी में पुन: स्थापित किया गया है। वर्तमान में डीआरएम कार्यालय, मंडल रेल चिकित्सालय, इलेक्ट्रिक लोको शेड, मंडल नियंत्रण कार्यालय, रेल कोच नवीनीकरण कारखाना झांसी सहित खजुराहो, छतरपुर, टीकमगढ़, डबरा, मुरैना, दतिया और सरकनपुर जैसे प्रमुख स्टेशनों पर सौर ऊर्जा उत्पादन हो रहा है।
खजुराहो-छतरपुर में ही 1.25 लाख यूनिट बन रही सौर बिजली
खजुराहो में 43.90 किलोवाट और छतरपुर में 49.92 किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट लगे हुए हैं। इन सोलर प्लांट्स की मदद से हर महीने औसतन 1.25 लाख यूनिट सौर ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है, जिससे न केवल बिजली बिलों में कमी आई है, बल्कि बाहरी बिजली स्रोतों पर निर्भरता भी घटी है। इसके अतिरिक्त, मंडल ने 13 अन्य स्थानों जैसे भरुआ सुमेरपुर, चिरगांव, मुस्तरा, एट, अतर्रा आदि में 10 किलोवाट क्षमता के ऑफ-ग्रिड सोलर प्लांट्स का कार्य भी पूर्ण कर लिया है।
अब छोटे स्टेशनों पर भी लगा रहे प्लांट
रेलवे अब छोटे स्टेशनों पर भी सौर ऊर्जा प्लांट्स स्थापित कर रहा है ताकि विद्युत की बाहरी खपत को और कम किया जा सके। मंडल द्वारा मई 2025 तक आठ स्थानों पर 400 किलोवाट क्षमता के नए ऑन-ग्रिड सोलर प्लांट्स स्थापित किए जाने का कार्य चल रहा है। इसके साथ ही जून 2025 तक 145 समपार फाटकों पर 640 किलोवाट क्षमता के ऑफ-ग्रिड सोलर प्लांट्स और दिसंबर 2025 तक 49 स्टेशनों पर 2 मेगावाट क्षमता के ऑन-ग्रिड प्लांट्स स्थापित करने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है।
इनका कहना है
ऑन ग्रिड सोलर प्लाट से मंडल में 20 लाख रुपए की बिजली खर्च की बचत हुई है। छोटे-छोटे स्टेशनों पर प्लांट लगाकर उत्पादन बढ़ाने की योजना पर काम चल रहा है। आगामी वर्षो में उत्पादन क्षमता और बढेगी।
दीपक कुमार सिन्हा, डीआरएम