प्रश्न: गर्मियों में नवजात शिशुओं के लिए सबसे बड़ा खतरा क्या होता है, और इससे कैसे बचा जा सकता है?
उत्तर- गर्मियों में डिहाइड्रेशन और हीट रैश (घमौरी) सबसे आम समस्याएं होती हैं। नवजात को सीधी धूप से दूर रखें और ठंडी, हवादार जगह पर रखें। यदि बच्चा स्तनपान कर रहा है, तो मां को बार-बार दूध पिलाना चाहिए, ताकि शरीर में पानी की कमी न हो।
प्रश्न: छोटे बच्चों के खानपान में गर्मियों के दौरान क्या बदलाव करने चाहिए?
उत्तर- गर्मियों में बच्चों को हल्का, ताजा और पचने में आसान खाना देना चाहिए। घर का बना हुआ दही, छाछ, नींबू पानी, ताजे फल जैसे तरबूज, खीरा और आम अच्छे विकल्प हैं। बाहर के तले-भुने और बासी खाने से बचना चाहिए, क्योंकि गर्मी में पेट से जुड़ी बीमारियां जल्दी हो जाती हैं।
प्रश्न: डिहाइड्रेशन से बच्चों को कैसे बचाएं? इसके लक्षण क्या हैं?
उत्तर- बच्चा अगर कम पेशाब कर रहा है, मुंह सूखा है, रोते वक्त आंसू नहीं आ रहे या वह सुस्त लग रहा है, तो ये डिहाइड्रेशन के संकेत हो सकते हैं। ऐसे में तुरंत तरल पदार्थ दें और डॉक्टर से संपर्क करें। छोटे बच्चों को समय-समय पर पानी, ओआरएस या फल का रस दिया जा सकता है।
प्रश्न: डायपर रैश या स्किन इंफेक्शन से कैसे बचाव करें?
उत्तर: गर्मी में पसीने के कारण स्किन इंफेक्शन और डायपर रैश की समस्या बढ़ जाती है। बच्चे की स्किन को सूखा और साफ रखें। दिन में कम से कम 2-3 बार डायपर बदलें और त्वचा को खुला रहने दें। रैश होने पर डॉक्टर द्वारा सुझाए गए क्रीम का उपयोग करें, खुद से कोई क्रीम न लगाएं।
प्रश्न: क्या नवजात को एसी या कूलर में रखना सुरक्षित है?
उत्तर- हां, लेकिन कुछ सावधानियां जरूरी हैं। एसी का तापमान 24-26 डिग्री पर रखें और सीधा ठंडी हवा बच्चे पर न पडऩे दें। कूलर का पानी रोज बदलें, वरना उसमें बैक्टीरिया पनप सकते हैं। हवादार और साफ वातावरण सबसे जरूरी है।
प्रश्न: बच्चा बार-बार चिड़चिड़ा हो रहा है या सो नहीं पा रहा, तो क्या करें?
उत्तर: गर्मी के कारण नींद की कमी और चिड़चिड़ापन आम है। बच्चे को हल्के कॉटन के कपड़े पहनाएं, उसे ज्यादा गर्म न करें। स्नान या गीले कपड़े से शरीर पोंछना मदद कर सकता है। अगर समस्या बनी रहे तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं।