इस तरह हुआ घटनाक्रम
हत्या के प्रयास के एक केस में रामपाल पाल गवाह थे। आरोपी पक्ष रामपाल पर राजीनामा करने का दबाव बना रहा था। रामपाल के इनकार करने पर रात में आरोपी उसके घर पहुंचे और गाली-गलौज करने लगे। रामपाल मौके पर नहीं था, तो उसके बड़े भाई भूपचंद पाल ने आरोपियों को रोकने का प्रयास किया तो आरोपियों ने भूपचंद पर 6 फायर किए, जिनमें से एक गोली उनके दाहिने सीने में लगी। भूपचंद की मौके पर ही मौत हो गई।
पहले दर्ज हुआ था हत्या के प्रयास का केस
सज्जन पटेल ने बताया कि इन लोगों ने पहले खेत में गए घुस जाने की विवाद में हमारे साथ मारपीट की थी। पुलिस ने घटना हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया था, जिसका केस न्यायालय में चल रहा है। केस में रामपाल पाल गवाह था। दिन में रामपाल को गवाही न देने की बात को लेकर इन लोगों ने धमकी दी थी उसने मना किया तो रात में रामपाल को जान से करने पहुंचे रामपाल नहीं मिला तो उसके बड़े भाई भूपचंद को गोली मार दी। इसके बाद वो हमारे घर आकर हम लोगों के साथ मारपीट की और हवाई फायर की और भाग गए।
खुद को गोली मारने का लगाया आरोप
दूसरी ओर आरोपी प्राण सिंह ने आरोप लगाया कि सज्जन पटेल और उनके साथियों ने पहले मारपीट की और फिर खुद को गोली मार ली। उन्होंने बताया कि पटेल परिवारों के बीच विवाद खेत में घुसने को लेकर शुरू हुआ था, जिसके बाद सज्जन ने उनके खिलाफ 307 का फर्जी केस दर्ज करवाया। प्राण सिंह ने बताया कि, जब वे घर के बाहर बैठे थे, तब सज्जन और उनके साथी कट्टा लेकर आए और उनके भांजे शिवराज सिंह को गोली मार दी। प्राण सिंह ने कहा कि वे 9 लोग थे, जबकि दूसरी ओर लोग ज्यादा संख्या में थे, जिन्होंने पहले मारपीट की और फिर खुद को गोली गोली मार ली।
ये हुए घायल
सज्जन पटेल के पक्ष के भूपचंद पाल (उम्र 40 वर्ष) की मौत हो गई। जबकि मालती पाल (28 ), मन्नू पाल (30), सज्जन पटेल (35), गायत्री पटेल (35), रेखा पटेल (32), तुलसीदास पटेल (40) घायल हो गए। वहीं, दूसरे पक्ष के प्राण सिंह, मान सिंह, शिवराम सिंह, अमर सिंह, राहुल सिंह घायल हुए हैं।