134 स्कूल अतिथि शिक्षकों के भरोसे
स्कूल शिक्षा विभाग के हालात यह हैं कि जिले में शिक्षक विहीन और एक शिक्षकीय स्कूलों की स्थिति लगातार बनी हुई है। ये हालात नई शिक्षक भर्ती होने के बाद भी देखने को मिल रहे हैं। जबकि जिले में वर्ष 2021 से अब तक प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक वर्ग में 2088 नए शिक्षकों की भर्ती हो गई है, लेकिन शून्य शिक्षक स्कूल और एक शिक्षकीय स्कूलों की स्थिति में कोई सुधार नहीं आ सका है। इससे शिक्षा व्यवस्था पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। शिक्षा विभाग के आंकड़ों पर यदि नजर डाली जाए तो जिले में अभी भी 134 ऐसे स्कूल हैं, जहां कोई भी शिक्षक नहीं है, सिर्फ अतिथि शिक्षकों के भरोसे ही व्यवस्थाएं हैं।
जिला मुख्यालय के स्कूलों में सबसे ज्यादा अतिरिक्त शिक्षक
शहर के स्कूलों में अतिशेष हैं शिक्षक जिला मुख्यालय पर डीईओ परिसर में स्थित आदर्श माध्यमिक विद्यालय में दर्ज बच्चों की संख्या अधिक शिक्षक नियुक्त हैं, तो वहीं डेरा पहाड़ी स्कूल में भी यही हालात हैं। इसके अलावा हासे हटवारा में भी यही हालात हैं। प्राइमरी में 30 बच्चों पर 1 और मिडिल में 35 बच्चों पर 1 शिक्षक अनिवार्य है, लेकिन शहरी क्षेत्र में यह नियमावली पूरी तरह से दरकिनार है, वहीं ग्रामीण अंचलों में वर्षों से स्कूलों में शिक्षकों की समस्या बनी हुई है। छतरपुर ब्लॉक में सबसे अधिक 56 अतिशेष शिक्षक हैं, जबकि शेष 6 ब्लॉक में 32 ही अतिशेष हैं।
बकस्वाहा ब्लॉक में 57 स्कूल शिक्षक विहीन
शिक्षकीय व्यवस्था की बात की जाए तो बकस्वाहा के सबसे बुरे हाल हैं। यहां सबसे अधिक स्कूल एक शिक्षकीय या शिक्षक विहीन हैं। यहां पूर्व में डीईओ कार्यालय द्वारा किए गए स्थानांतरण का जहां कोई असर नहीं हुआ है, वहीं नई शिक्षा भर्ती भी काम नहीं आई है। यहां पर 57 स्कूल ऐसे हैं, जहां कोई भी स्थाई शिक्षक नहीं है, सिर्फ अतिथि शिक्षकों के भरोसे व्यवस्था है, वहीं 10 स्कूल ऐसे हैं, जहां सिर्फ एक ही शिक्षक की तैनाती है। यहीं जिले का एक मात्र ऐसा ब्लॉक है, जहां अतिशेष शिक्षकों की स्थिति भी शून्य है।
इनका कहना है
अतिशेष शिक्षकों को लेकर शासन स्तर से कार्यवाही होना है। जिला स्तर पर नहीं होना है। शासन के संज्ञान में है, जो भी आदेश आएगा उसका पालन कराया जाएगा।
आरपी प्रजापति, प्रभारी, डीइओ