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छतरपुर

दो साल की देरी से बनी जिला अस्पताल की पीडियाट्रिक्स यूनिट, जांच में मिली एक दर्जन खामियां

अस्पताल प्रबंधन ने इसे हैंडओवर करने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद सिविल सर्जन डॉ. जीएल अहिरवार के नेतृत्व में एक जांच टीम का गठन किया गया। टीम ने यूनिट का बारीकी से निरीक्षण किया और कई अहम खामियां पाई हैं।

छतरपुरMar 05, 2025 / 10:50 am

Dharmendra Singh

district hospital

जिला अस्पताल

जिला अस्पताल के परिसर में स्थित पीडियाट्रिक्स यूनिट 1.45 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई है,लेकिन इसमें खामियां सामने आई हैं। अस्पताल प्रबंधन ने इसे हैंडओवर करने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद सिविल सर्जन डॉ. जीएल अहिरवार के नेतृत्व में एक जांच टीम का गठन किया गया। टीम ने यूनिट का बारीकी से निरीक्षण किया और कई अहम खामियां पाई हैं।

दो साल पहले पूरा हो जाना था

इस यूनिट का निर्माण कार्य दो साल पहले पूरा हो जाना था, लेकिन ठेकेदार और सब इंजीनियर की लापरवाही के चलते काम अभी तक पूरा नहीं हो सका है। पहले भी सिविल सर्जन डॉ. जीएल अहिरवार ने सब इंजीनियर अंशुल खरे को नोटिस जारी किया था, लेकिन इसके बावजूद निर्माण कार्य में कोई खास प्रगति नहीं दिखी। अब, टीम द्वारा किए गए निरीक्षण के बाद इन कमियों को सुधारने की दिशा में ठेकेदार और संबंधित सब इंजीनियर को तलब किया गया है।

सात डॉक्टरों की टीम ने दी ये रिपोर्ट

  1. एसएनसीयू (स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट) में पानी की निकासी का सही व्यवस्था नहीं है।
  2. वाशबेसिन की संख्या कम है।
  3. एचडीयू (हाई डिपेंडेंसी यूनिट) में टॉयलेट का दरवाजा ठीक से काम नहीं कर रहा है, जिससे बच्चों में संक्रमण का खतरा हो सकता है।
  4. केएमसी (किंडली मेडिकल कैयर) वार्ड के लिए अलग एंट्री दरवाजा होना चाहिए।
  5. एचडीयू यूनिट (राइट साइड) में इमरजेंसी एग्जिट की आवश्यकता है, जो कि नहीं बनाई गई है।
  6. बालकनी एरिया में जाली का काम किया जाना चाहिए।
  7. एसएनसीयू के रिसेप्शन गेट के बाहर पार्टीशन की आवश्यकता है।
  8. डॉक्टर और सिस्टर ड्यूटी रूम की सही जगह की पहचान और चिह्नित किया जाना चाहिए।
  9. ग्राउंड फ्लोर से पांचवीं मंजिल तक लिफ्ट का संचालन सुनिश्चित किया जाए।
  10. ऑक्सीजन सप्लाई और प्रेशर की जांच संबंधित इंचार्ज द्वारा करवाई जाए।
  11. एसएनसीयू यूनिट की फायर एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) प्राप्त करना जरूरी है।
  12. इलेक्ट्रिक सप्लाई की स्थिति की निगरानी और कार्यों की पुष्टि इलेक्ट्रिक इंचार्ज से करवाई जाए।

कमियों को शीघ्र सुधार किया जाए

सिविल सर्जन डॉ. जीएल अहिरवार ने इस विषय में कहा कि यह कमियां स्वास्थ्य सुविधाओं की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती हैं। उन्होंने ठेकेदार और सब इंजीनियर से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि सभी कमियों को शीघ्र सुधार किया जाए और स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता में सुधार लाया जाए। सिविल सर्जन ने यह भी कहा कि यदि इन कमियों को जल्दी ठीक नहीं किया गया तो अस्पताल प्रबंधन के लिए अस्पताल का हैंडओवर करना मुश्किल होगा, जिससे मरीजों को स्वास्थ्य सेवा में कोई रुकावट आ सकती है।
डॉ. जीएल अहिरवार ने कहा कि पीडियाट्रिक्स यूनिट के निर्माण कार्य में कमियों को लेकर एक टीम गठित की गई थी, और टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। अब ठेकेदार और सब इंजीनियर को तलब किया गया है ताकि निर्माण कार्य को गुणवत्ता के अनुसार पूरा किया जा सके।

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