कलेक्टर जैसवाल ने अधिकारियों की आपात बैठक लेकर निर्देश दिए कि आग से हुई संपूर्ण क्षति का सात दिनों में सर्वे कर मुआवजा प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रभावित व्यक्ति को सहायता राशि से वंचित न रखा जाए और नुकसान के अनुसार तुरंत राहत दी जाए। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि एक सप्ताह तक पीडि़तों के रहवास, भोजन और पेयजल की समुचित व्यवस्था की जाए।
हैल्थ कैंप लगाने के निर्देश
स्वास्थ्य और पशुपालन विभाग को दोनों गांवों में हैल्थ कैंप लगाने के निर्देश दिए गए ताकि लोगों के साथ-साथ पशुओं का भी इलाज हो सके। जिन पशुओं की मृत्यु हुई है, उनके लिए आरबीसी 6-4 के तहत मुआवजा स्वीकृत करने को कहा गया है। पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए गए कि झुलसे पशुओं का तत्काल उपचार किया जाए और सभी पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगाकर किया जाए। कलेक्टर ने चिरोला गांव में मौके पर मृत महिला के परिजन को शासन की ओर से चार लाख रुपए की सहायता राशि का स्वीकृति पत्र और अंत्येष्टि सहायता राशि का चेक सौंपा। उन्होंने जिला आपूर्ति अधिकारी को भी निर्देश दिए कि सभी पीडि़त परिवारों को आवश्यक राशन सामग्री तत्काल वितरित की जाए।
आग से छुल्ला गांव में पांच पालतू मवेशियों की मौत और चार झुलसे
शनिवार की शाम चिरोला गांव के अलावा छुल्ला गांव में भी आग लगी। जिसमें 5 पालतू मवेशियों की जान चली गई। चार मवेशी झुलस गए हैं। वहीं घरों में रखा अनाज भी जल गया। ग्रामीणों ने बताया कि प्रत्येक घर में 20 से 40 क्विंटल अनाज रखा थो जो आग में नष्ट हो गया।
आग पूरी तरह बुझाने के लिए पूरे गांव में पानी डाला
निरीक्षण के दौरान विधायक रामसिया भारती, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि शशिकांत अग्निहोत्री सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे। कलेक्टर ने एसडीएम बड़ामलहरा आयुष जैन को निर्देशित किया कि आग पूरी तरह बुझने की पुष्टि कराई जाए और दोबारा आग न लगे, इसके लिए क्षेत्र में एक बार फिर फायर ब्रिगेड द्वारा पानी का छिडक़ाव कराया जाए। कलेक्टर ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को तत्काल दोनों ग्रामों में एक-एक बोरिंग कराने और सभी हैंडपंपों की स्थिति की जांच कर उन्हें चालू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के घरों और कागजात आग में जल गए हैं, उनके दस्तावेज दोबारा बनाए जाएं।
अलर्ट मोड में रहें
जैसवाल ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि बदलते मौसम को देखते हुए वे अलर्ट मोड में रहें और प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए पूरी तैयारी रखें। सूचना तंत्र को एक्टिव रखने की हिदायत दी ताकि आपातकालीन स्थिति में त्वरित सहायता पहुंचाई जा सके। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने दोनों गांवों के जले हुए घरों का अवलोकन कर पीडि़त परिवारों से संवाद किया, उनका दुख साझा किया और शासन की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। उन्होंने ग्रामीणों की समस्याएं सुनते हुए सीएमएचओ को निर्देश दिए कि घुवारा के मर्चुरी में स्वीपर की तत्काल व्यवस्था की जाए। फोटो- गांव में नुकसान का निरीक्षण और ग्रामीणों से संवाद करते अधिकारी