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छतरपुर

तबादलों से खाली हो रहे पदों से चरमरा रही स्वास्थ्य व्यवस्था, ग्रामीण मरीजों की बढ़ी परेशानी

सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) और संविदा नर्सों के बड़े पैमाने पर हुए तबादलों के चलते उप स्वास्थ्य केंद्रों और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स पर कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो गया है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में इलाज के लिए पहले से सीमित संसाधनों पर संकट और गहरा गया है।

छतरपुरJun 07, 2025 / 10:52 am

Dharmendra Singh

health center

स्टाफ न होने से बंद पड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र

जिले के स्वास्थ्य विभाग में इन दिनों तबादलों की बाढ़ ने स्वास्थ्य सेवाओं की कमर तोड़ दी है। सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) और संविदा नर्सों के बड़े पैमाने पर हुए तबादलों के चलते उप स्वास्थ्य केंद्रों और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स पर कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो गया है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में इलाज के लिए पहले से सीमित संसाधनों पर संकट और गहरा गया है।

30 सीएचओ का ट्रांसफर, सिर्फ 4 की नई पदस्थापना

जिले में कुल 172 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी पद स्वीकृत हैं, जिनमें अब केवल 152 पदों पर अधिकारी कार्यरत हैं। बीते दिनों जिले से 30 सीएचओ का ट्रांसफर अन्य जिलों में कर दिया गया है, जबकि केवल 4 नए सीएचओ को छतरपुर भेजा गया है। इससे करीब 20 उप स्वास्थ्य केंद्र या तो पूरी तरह से खाली हो गए हैं या उनमें सेवाएं सीमित हो गई हैं।

ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा में अहम भूमिका

सीएचओ की भूमिका ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं में अहम मानी जाती है। वे न केवल ओपीडी संचालन, दवाओं का वितरण, और बीमारियों की पहचान करते हैं, बल्कि मातृ-शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण और समुदायिक जागरूकता जैसी जिम्मेदारियों का भी निर्वहन करते हैं। ऐसे में उनकी अनुपस्थिति से पूरा केंद्र निष्क्रिय हो जाता है, और मरीजों को इलाज के लिए प्राइवेट क्लीनिक या जिला अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है।

संविदा नर्सों के भी हुए तबादले, टीकाकरण और आपात सेवा प्रभावित

न केवल सीएचओ बल्कि बड़ी संख्या में संविदा नर्सों के भी तबादले किए गए हैं। इससे टीकाकरण कार्यक्रमों में रुकावटें आई हैं और डिलीवरी या अन्य आपातकालीन सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं। कई ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में स्टाफ की कमी के चलते रोजाना का कामकाज अधूरा छूट रहा है।

अब नियमित कर्मचारियों की सूची का इंतजार

स्वास्थ्य विभाग में संविदा कर्मियों के तबादलों के बाद अब नियमित कर्मचारियों की तबादला सूची 10 जून तक जारी होने की संभावना है। अधिकारियों का मानना है कि यदि यही रफ्तार रही, तो जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह लडखड़़ा सकती है।

सीएमएचओ ने जताई चिंता, आयुक्त को भेजेंगे रिपोर्ट

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरपी गुप्ता ने कहा कि तबादलों से स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा असर पड़ा है। सीएचओ और नर्सों के खाली पदों को लेकर जल्द ही स्वास्थ्य आयुक्त को पत्र भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि शासन से मांग की जाएगी कि जिले में शीघ्र नए स्वास्थ्यकर्मियों की पदस्थापना की जाए ताकि जनता को स्वास्थ्य सेवाएं समय पर मिल सकें।

ग्रामीणों पर बढ़ा भार, स्वास्थ्य ढांचे की पुकार

स्वास्थ्य सुविधाएं पहले से ही सीमित थीं, ऐसे में तबादलों से खाली हुए पदों ने संकट को और गहरा कर दिया है। अब इलाज के लिए ग्रामीणों को या तो निजी क्लीनिक में महंगा खर्च करना पड़ रहा है या कई किलोमीटर दूर जिला अस्पताल जाना पड़ रहा है। यदि समय रहते स्थिति को नहीं संभाला गया तो ग्रामीण स्वास्थ्य तंत्र पूरी तरह चरमरा सकता है, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना होगा।

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