छिंदवाड़ा ऑडिटोरियम भवन की मांग
अपनी कला के प्रदर्शन के लिए रंगकर्मियों ने लगातार एक ऑडिटोरियम भवन की मांग की। इसके साथ ही छिंदवाड़ा ऑडिटोरियम निर्माण समिति का गठन भी कलाकारों ने किया। आश्वासन मिले, पर अभी तक इस दिशा में प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों ने भी ठोस पहल नहीं की।आधा दर्जन से अधिक संस्थाएं सक्रिय
वर्तमान में छिंदवाड़ा में नाट्यगंगा रंगमंडल, किरदार संस्थान, ओम मंच पर अस्तित्व, अनंत मार्कण्डेय रंगोत्थान समिति सहित विभिन्न रंग संस्थाएं सक्रिय रंगकर्म कर रही हैं। इन संस्थाओं के कलाकार प्रतिष्ठित नाट्य विद्यालयों से प्रशिक्षित हैं। हमारे शहर के रंगकर्म को पूरे देश में अलग पहचान मिली है। लेकिन छिंदवाड़ा शहर में ही नाट्य कलाकारों को उनका एक स्थायी मंच नहीं मिल सका है। हालांकि उन्होंने अपनी कला को शहर के कोने कोने तक पहुंचाया है। गली-मोहल्लों को ही अपना मंच बना लिया।इनका कहना है
बड़े शहरों में रंगकर्मियों को सिर्फ अपने नाटक को तैयार करने में मेहनत करनी पड़ती है, लेकिन हमारे शहर में वास्तविक मेहनत का काम तो नाटक तैयार होने के बाद शुरू होता है कि नाटक का मंचन कहां और कैसे करें।-सचिन वर्मा, रंगकर्मी
-ऋषभ स्थापक, रंगकर्मी छिंदवाड़ा रंगमंच का गौरवशाली इतिहास है। 50 के दशक से शुरु रंगमंच का कारवां लगातार जारी है। नई पीढ़ी इसे नई ऊंचाइयों पर पहुंचा रही हैं। छिंदवाड़ा में ऑडिटोरियम की कमी खलती है।
-डॉ. पवन नेमा, रंगकर्मी
राकेश राज, रंगकर्मी