scriptखरीफ सीजन में विदेशी कंपनियों के बीजों की मांग ज्यादा | In the Kharif season, farmers demand seeds from foreign companies more than those from Indian companies | Patrika News
छिंदवाड़ा

खरीफ सीजन में विदेशी कंपनियों के बीजों की मांग ज्यादा

-मक्का के चार किलो के पैकेट भाव दो हजार रुपए तक, किसानों की डिमांड से पिछले साल की अपेक्षा बढ़े भाव

छिंदवाड़ाJun 02, 2025 / 11:31 am

manohar soni

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खरीफ सीजन में जिले की मुख्य फसल मक्का के बीज की मांग इस समय बढ़ गई है। सबसे ज्यादा पूछताछ समय देशी कंपनियों के बजाय विदेशी कंपनियों के बीजों की हो रही है। जिनके चार किलों के पैकेट के भाव 1600-2000 रुपए है। इसकी सप्लाई निजी विक्रेताओं के पास आधी हो रही है। फिर भी किसान यहीं बीज लेने के आतुर है।

खरीफ सीजन आगामी 15 जून को मानसूनी बारिश के साथ शुरू हो जाएगा। जिसमें छिंदवाड़ा और पांढुर्ना जिले के 2.98 लाख किसान 5 लाख हैक्टेयर के रकबे में फसल लगाएंगे। इस बार भी मक्का का रकबा सबसे ज्यादा 3.75 लाख हेक्टेयर में रहने की संभावना है। एथनॉल कंपनियों में करीब 10 लाख टन मक्का की मांग जोर पकडऩे से किसान भी खेतों में मक्का लगाने के पक्ष में है। खरीफ सीजन के 15 दिन पहले ही अधिकांश किसान इस समय शहर की खाद-बीज दुकानों में बीजों की पूछताछ कर रहे हैं।

विक्रेताओं की मानें तो हल्की और भारी जमीन के हिसाब से बाजार में इस समय मक्का बीज की दो वेरायटी सिंगल और डबल क्रास है। जिन्हें देशी और विदेशी कंपनियां उपलब्ध करा रही है। देशी कंपनियों के बीज 600 रुपए से 1000 रुपए चार किलों के पैकेट में उपलब्ध है तो विदेशी कंपनियां 1600-2000 रुपए चार किलो के पैकेट पर उपलब्ध है। किसानों का झुकाव विदेशी कंपनियों के बीजों की ओर ज्यादा है। इससे इन कंपनियों के बीज पिछले साल की अपेक्षा महंगे बिक रहे हैं।

खाद को लेक र भी बाजार में मशक्कत


इस समय खरीफ सीजन में किसान खाद के लिए भी मशक्कत कर रहे हैं। सोसाइटी से लेकर निजी विक्रेताओं के पास इसकी मांग ज्यादा है। मार्केटिंग सोसाइटी के पास नगद खाद लेनेवाले किसानों की कतार लग रही है। पिछले खरीफ सत्र 24 में 193224 मीट्रिक टन खाद खेती में लगी थी। इस साल 2025 में इसका लक्ष्य 202905 मीट्रिक टन रखा गया है। किसानों ने इसका उठाव भी शुरू कर दिया है।

इनका कहना है….
्रखरीफ सीजन में जब तक बारिश जमीन में 8 इंच तक न पहुंच जाए, तब तक किसानों को जल्दबाजी नहीं करना चाहिए। अभी खेतों को तैयार करने के साथ खाद-बीज की खरीदी कर लें। फिर जमीन के हिसाब से बोवनी का निर्णय लिया जा सकता है।
मेरसिंह चौधरी,प्रांत मंत्री, किसान संघ।

बाजार में इस समय किसान बीजों की वैरायटी की पूछताछ और खरीदी कर रहे हैं। खाद की मांग भी की जा रही है।
-श्याम राव कपाले, सचिव, खाद-बीज विक्रेता संघ।

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