पांढुर्ना वनमंडल का शीघ्र गठन होगा। अब तक पांढुर्ना सौंसर का दक्षिण वन मंडल
छिंदवाड़ा डीएफओ के कार्यक्षेत्र में आता है। वन मंडल पांढुर्ना के गठन के लिए प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जा चुका है जिसे वित्त विभाग ने मंजूरी भी दे दी है। आगामी केबिनेट बैठक में प्रस्ताव रखकर स्वीकृति दी जाएगी। इसके बाद गजट नोटिफिकेशन के माध्यम से इसे कागजी अमली जामा पहनाया जाएगा।
पांढुर्ना जिले का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 1522.220 वर्ग किमी है जिसमें 662.742 वर्ग किमी वन क्षेत्र है। इस प्रकार जिले में 43.53 प्रतिशत वन क्षेत्र है। अब छिंदवाड़ा के दक्षिण वनमंडल के 956.686 वर्ग किमी वन क्षेत्र में से 662.742 वर्ग किमी वन क्षेत्र को हटाकर पांढुर्ना वनमंडल में शामिल किया जा रहा है। शेष हिस्सा छिंदवाड़ा वन मंडल में ही रहेगा। पांढुर्ना जिले में अभी पांच वन रेंज है। इनमें पांढुर्ना, सौंसर, कन्हान, अंबाड़ा, लावाघोगरी शामिल हैं।
एक डीएफओ, दो एसडीओ होंगे
वित्त विभाग की ओर से मंजूरी मिलने के बाद जिले में एक डीएफओ यानि वन मंडलाधिकारी व उप वन मंडलाधिकारी के साथ एसडीओ के पदों का सृजन किया जा रहा है। इसके साथ ही नए कार्यालय, क्वार्टर स्टॉफ और जिले में बड़े विश्राम गृह का निर्माण भी किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार मोरडोंगरी के पास भुली मार्ग पर 6 एकड़ राजस्व की भूमि की मांग लाइन क्वार्टर निर्माण के लिए की गई है। वन मंडल के लिए जरूरी सभी संसाधनों पर होने वाले खर्च व निर्माण के भूमि का चयन कर करीब 5 करोड़ 26 लाख रुपए का बजट तैयार कर शासन को मंजूरी के लिए भेजा जा चुका है।
ऐसा होगा नया पांढुर्ना वनमंडल
पांढुर्ना में नए वनमंडल के गठन के बाद जिले में छिंदवाड़ा वनमंडल का कार्यक्षेत्र खत्म हो जाएगा। वनमंडल व उपवनमंडल के साथ सौंसर पांढुर्ना में एक-एक एसडीओ होंगे। पांच रेंज के साथ 23 उपरेंज और 92 बीट होगे। पांढुर्ना में 23 उपरेंज में चिचोलीढाना, टेमनी, तिगांव, सिवनी, पारडी, बोरपानी, नंदेवानी, नांदनवाड़ी, अंबाड़ा, चिमनखापा, कामठी, जोबनडेरा, सौंसर, मर्राम, मोहगांव, जोबनी भाग, बोरपानी भाग, सवरनी, बोरगांव, सतनुर, देवी, खुटामा शामिल होगी।