अरविंद केजरीवाल पर फिजूलखर्ची का लगाया आरोप
विधानसभा में सीएजी रिपोर्ट पर चर्चा करते हुए
पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला करते हुए प्रवेश वर्मा ने दावा किया कि दिल्ली सचिवालय में सीएम के कार्यालय की फिजूलखर्ची देखकर वे दंग रह गए। उन्होंने कहा, “मुझे तुरंत वहां से चले जाने का मन हुआ क्योंकि मुझे लगा कि जो व्यक्ति ऐसे कार्यालय में बैठता है, वह विज्ञापनों में नहीं जा सकता।” “जबकि दिल्ली के लोग पानी की कमी, ट्रैफिक जाम और सफाई की समस्याओं से जूझ रहे थे, केजरीवाल अपने महल में सोने की परत चढ़ी शौचालय सीटें लगाने में व्यस्त थे।” मंत्री ने कहा कि नई सरकार की प्राथमिकता आलीशान महल नहीं, बल्कि झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों के लिए स्वच्छ जल, सफाई और आवश्यक सेवाएं होंगी।
भाजपा के पास दिल्ली में बदलाव लाने का मौका
प्रवेश वर्मा ने कहा कि दिल्ली का विकास
आम आदमी पार्टी के होर्डिंग्स तक ही सीमित है। उन्होंने कहा कि 27 साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दिल्ली के पास बदलाव का असली मौका है। इस दौरान दिल्ली सरकार में मंत्री आशीष सूद ने दावा किया कि पिछली विधानसभाओं में केवल नौ बार प्रश्नकाल हुआ और पिछले पांच वर्षों में केवल 14 विधेयक पारित हुए। जिनमें से पांच विधायकों के वेतन में बढ़ोतरी से संबंधित थे।
इन विधायकों ने भी रखी अपनी बात
ग्रेटर कैलाश की विधायक शिखा राय ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण की छंटाई पर सख्ती के कारण बड़े हो चुके पेड़ों से उत्पन्न समस्याओं को उजागर किया। उन्होंने दावा किया “लोगों के घरों में घुसने वाले पेड़ों की छंटाई के लिए भी वन विभाग से अनुमति लेना असंभव है।” मुस्तफाबाद के विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने पिछली सरकार द्वारा बिछाई गई सीवर लाइनों की “खराब” स्थिति की आलोचना की। उन्होंने मामले की जांच की मांग की और नई लाइनें बिछाने की मांग की।