चार माह से जरूरतमंदों को नहीं मिल रही पात्रता पर्ची
खाद्य विभाग ने अपात्रों के नाम हटाने मांगी सूची, अभी पात्रता के लिए 12 हजार से ज्यादा आवेदन पैंडिंग


छिंदवाड़ा.राशन की थाली पर इस समय दबंग और प्रभावशाली व्यक्तियों का कब्जा है। वे एक रुपए किलो गेहूं-चांवल पाने गरीब और जरूरतमंदों की सूची में कुण्डली मार कर बैठे हैं। इस वजह से राज्य शासन ने गरीब परिवारों को पात्रता पर्ची जारी करने से मना कर दिया है। इससे चार माह से ये लोग भटक रहे हैं। इधर, खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने अपात्रों के नाम हटाने के लिए राशन दुकानों से सूची मांगी है।
छिंदवाड़ा और पांढ़ुर्ना जिले की करीब 850 राशन दुकानों में प्राथमिक श्रेणी के 3.72 लाख परिवार रियायती अनाज पाने की पात्रता सूची में है। वर्ष 2022 के अप्रेल माह से पहले इन परिवारों के प्रत्येक सदस्य को चार किलो गेहूं और एक किलो चावल मिलता था। अब प्रत्येक राशन उपभोक्ता को तीन किलो गेहूं और दो किलो चावल का वितरण किया जाने लगा है। इस पात्रता सूची में नाम शामिल कराने अभी 12 हजार से ज्यादा लोग प्रयासरत है। राज्य शासन ने छिंदवाड़ा/पांढुर्ना जिलों में इसका लक्ष्य खत्म होने से इन्हें पात्रता सूची देने से मना कर दिया है। करीब चार माह से विभाग से एक भी नाम पर पात्रता सूची जारी नहीं हो पाई है। इससे परेशान होकर लोग जनपदों से लेकर कलेक्ट्रेट ऑफिस तक चक्कर काट रहे हैं।
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पात्रता सूची में नाम शामिल कराने की होड़
छिंदवाड़ा/पांढुर्ना जिले में 3.72 लाख परिवार पहले से पात्रता सूची में मौजूद है। फिर भी हर दिन सैकड़ों की संख्या में आवेदन पहुंच रहे हैं। हर कोई गरीब परिवार होने का दावा करते हुए राशन पाने का इच्छुक है। अधिकारी बताते हैं कि करीब 12 हजार से ज्यादा आवेदन पैंडिंग है। जिन्हें पात्रता पर्ची की जरूरत है।
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दबंग और प्रभावशाली व्यक्तियों के नाम शामिल
शहर और पंचायत के हर वार्ड की राशन दुकानों में दबंग और प्रभावशाली व्यक्तियों के नाम मिल जाएंगे। जिनके पास बिल्डिंग, चौपहिया और पर्याप्त बैंक बैलेंस है। फिर भी ये लोग गरीब परिवार बनकर सरकारी राशन का उपयोग कर रहे हैं। कमलनाथ सरकार के समय इसकी जांच कराई गई थी तो लाखों लोगों के नाम सामने आए थे। उनके नाम भी काटे नहीं गए थे।
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सीएम हेल्पलाइन में बढ़ रहीं शिकायतें
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति संचालनालय के पास छिंदवाड़ा जिले के पात्रता पर्ची के आवेदन लम्बित हैं। इनका निराकरण नहीं हो पा रहा है। इसके चलते सीएम हेल्पलाइन में प्रतिदिन शिकायत हो रही है तो वहीं लोग जनपद से लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय तक चक्कर लगा रहे हैं। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग का कहना है कि जब तक गरीबी रेखा सूची से दबंगों के नाम नहीं काटे जाएंगे, तब तक पात्रता पर्ची के आवेदनों का निराकरण नहीं होगा। राशन से वंचित रहना पड़ सकता है।
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इनका कहना है….
यह सहीं है कि छिंदवाड़ा जिले में चार माह से जरूरतमंदों की पात्रता पर्ची नहीं निकल रही है। इसके लिए पहले अपात्रों के नाम काटने पड़ेंगे। इसके लिए खाद्य अधिकारियों से ऐसे परिवारों के नाम मांगे गए है, जिन्होंने छह माह से राशन नहीं लिया है। उनके नाम काटे जाएंगे।
-अंजू मरावी, सहायक आपूर्ति अधिकारी।
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