कुएं में मिला शव
पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि गुरुवार को प्रार्थी भीलवाड़ा जिले के आसींद थानान्तर्गत दांतड़ा बांध निवासी लादूलाल बलाई ने निम्बाहेड़ा कोतवाली थाने में रिपोर्ट दी कि उनका पुत्र मोतीलाल आरयूडीआइपी में इंजीनियर है और पिछले ढ़ाई साल से बहू सोनिया के साथ निम्बाहेड़ा में रह रहा है। 14 मई को सोनिया ने प्रार्थी को फोन कर बताया कि मोतीलाल फोन नहीं उठा रहे है। सूचना पर प्रार्थी व उसका पुत्र मिश्रीलाल व अन्य रिश्तेदार निम्बाहेड़ा पहुंचे। शुक्रवार को सुबह मोतीलाल का शव एक कुएं में मिला। पुलिस ने शव बाहर निकलवाया। उसके सिर के पीछे गहरा घाव, पीठ पर चोटों के निशान व कोहनी पर कट लगा हुआ पाया गया।
पुलिस ने हत्या का प्रकरण दर्ज कर टीम का गठन किया, जिसमें कोतवाली व निम्बाहेड़ा सदर थाने के पुलिसकर्मियों सहित साइबर सेल के हैडकांस्टेबल राजकुमार सोनी, रामावतार मीना व रामनरेश को भी शामिल किया गया।
ऐसे हुआ हत्या का खुलासा
पुलिस ने मृतक के मोबाइल व अन्य संदिग्ध नंबरों की कॉल डिटेल निकलवाकर भौतिक साक्ष्यों के आधार पर इंडियन बैंक के कैशियर करौली जिले के श्रीमहावीरजी थानान्तर्गत दानलपुर निवासी वीरसिंह (32) पुत्र करनसिंह मीणा को डिटेन कर पूछताछ की तो उसने मोतीलाल की हत्या करना स्वीकार कर लिया। उसने पुलिस को बताया कि मृतक की पत्नी सोनिया के साथ उसके अवैध संबंध के चलते सोनिया के साथ मिलकर उसने मोतीलाल की हत्या की योजना बनाई। 14 मई की रात करीब आठ बजे पैदल घूमने के बहाने सोनिया उसे न्यू हाउसिंग बोर्ड निम्बाहेड़ा के पास सुनसान जगह खेत पर लेकर गई।
जहां आरोपी वीरसिंह ने लोहे के मूसल से सिर पर वार कर मोतीलाल की हत्या कर दी। साक्ष्य मिटाने के लिए दोनों ने शव को घसीटकर पास ही स्थित कुएं में डाल दिया।
सोनिया ने चली यह चाल
मामले में किसी को संदेह नहीं हो, इसके लिए मृतक की पत्नी सोनिया व आरोपी वीरसिंह मीणा ने मृतक द्वारा फोन रिसिव नहीं करने व गुमशुदा होने का मनगढ़ंत घटनाक्रम बनाते हुए मृतक के परिजनों व पुलिस को गुमराह करने के लिए रात को थाने पहुंचकर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। हत्या के मामला का खुलासा करने में सिपाही प्रमोद कुमार की अहम भूमिका रही।