आतंकी संगठनों से गठजोड़
एटीएस को खुफिया इनपुट के जरिए पता चला था कि शहजाद सीमा पार तस्करी की आड़ में भारत-विरोधी गतिविधियों में संलिप्त है और लगातार पाकिस्तान आना-जाना करता है। जांच में सामने आया कि वह जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों से जुड़कर पाकिस्तान में सक्रिय ISI एजेंटों के संपर्क में था और भारत की सुरक्षा से जुड़ी गोपनीय जानकारियां उन्हें मुहैया कराता था।
ISI को करता था फंडिंग
शहजाद पर यह भी आरोप है कि उसने ISI के कहने पर भारत में मौजूद एजेंटों को फंडिंग की, भारतीय सिम कार्ड पाकिस्तान पहुंचाए और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों से लोगों को तस्करी के नाम पर पाकिस्तान भिजवाया, जहां उन्हें आईएसआई के लिए काम करने को कहा गया। जांच में जुटी UP पुलिस
वह एक तरह से आतंकियों और जासूसों की भर्ती और उन्हें लॉजिस्टिक सहयोग उपलब्ध कराने की कड़ी बन चुका था। यूपी एटीएस ने 18 मई 2025 को उसे गिरफ्तार कर लिया और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम व भारतीय दंड संहिता की गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपी को कोर्ट में पेश कर आगे की कानूनी कार्यवाही की जा रही है, जबकि सुरक्षा एजेंसियां अब उससे जुड़े नेटवर्क और संभावित खतरों की गहन जांच में जुटी हैं।