राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेशों की अवहेलना
शहर में सफाई कर्मचारी कचरे को एकत्र कर उसे जला रहे हैं। शहर के पावटा चौक में गत दिनों कचरा जलाया जा रहा था। चहुंओर धुंआ होने के कारण लोगों को सांस लेने में परेशानी होने लगी। इस पर क्षेत्रवासियों ने इसका विरोध किया और जल रहे कचरे को बुझवाया गया। शहर के गंभीरी पुलिया मार्ग के निकट कचरे का ढेर लगा हुआ है। वहां भी प्रतिदिन कचरे को जलाया जा रहा है, जबकि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) का स्पष्ट आदेश है कि कचरे को जलाया नहीं जाना चाहिए। उसका निस्तारण किया जाना चाहिए। होना यह चाहिए
- नालियों की नियमित सफाई होनी चाहिए
- कॉलोनियों में कचरा पात्र लगाएं और नियमित खाली हो
- खाली भूखण्डों की चारदीवारी कराने के लिए पाबंद करें
- कई स्तर पर सफाई व्यवस्था की होनी चाहिए मॉनिटरिंग
- काम नहीं करने वाले कर्मचारी के खिलाफ हो कार्रवाई
- कचरा जलाने पर लगे रोक, जलाने वाले पर हो कार्रवाई
प्रतिदिन निकलता है 55-60 टन कचरा
नगर परिषद के जानकारों के अनुसार शहर से प्रतिदिन 55 से 60 टन के करीब कचरा निकलता है। ऑटो टीपर के माध्यम से घर-घर कचरा संग्रहण किया जाता है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से समय पर ऑटो टीपर के नहीं पहुंचने के कारण भी स्थिति विकट हुई है। कचरा संग्रहण के लिए बनाए गए स्थानों पर से भी नियमित कचरा उठना चाहिए।
पहले भी दे चुके नोटिस, ऑटो टीपर के किए टेण्डर
शहर में खाली भूखण्ड धारकों को पहले भी नोटिस दिए गए थे। घर-घर कचरा संग्रहण के लिए टेण्डर हो चुके हैं। व्यवस्थाओं में जल्द सुधार होगा। - जितेन्द्र मीणा, आयुक्त नगर परिषद चित्तौडगढ़़