मंत्रोच्चार और गाजे-बाजे के साथ रविवार को गांव में पहले बालिकाओं ने मंगल कलश लेकर प्रवेश किया। इसके बाद सभी ने गांव में प्रवेश किया। अब गांव में सात दिन भागवत कथा होगी और रामनवमी पर हनुमान जी की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। करीब 750 लोगों की आबादी वाले इस गांव के मकानों पर तीन दिन से ताले लटके थे और गांव में सन्नाटा था।
नींव खुदाई में निकल रही हडिडयां
ग्रामीणों का मानना है कि उनके गांव में नकारात्मक शक्तियों के कारण तमाम परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। कोई व्यक्ति नए मकान की नींव खोदता है तो मानव कंकाल और पशुओं की हड्डियां निकलती हैं। गांव में खुशहाली नहीं आ रही है। समाधान के लिए ग्रामीणों ने मिलकर 15 लाख की लागत से हनुमानजी का मंदिर बनवाया। प्राण प्रतिष्ठा से पहले ग्रामीणों ने 27 मार्च को गांव खाली कर दिया था।
खेतों में लगवाए टेंट, परिवार समेत रहे
गांव खाली करके ग्रामीणों ने खेतों को रैन बसेरा बनाया। तीन दिन से बच्चों और मवेशियों के साथ गांव वाले बाहर रहे। किसी ने घर का ताला तक नहीं खोला। पुलिस व गांव के युवा गश्त करते रहे। रविवार को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ दिव्य आनंदधाम के संत अनंतराम शास्त्री के सानिध्य में गाजे-बाजे एवं जुलूस के रूप में गांव में पुन: प्रवेश किया।