बता दें, घटना महाराष्ट्र के अहमदनगर में 15 जून को हुई है तथा बुधवार 18 जून को मृतक का शव चैनपुरा बड़ा गांव में पहुंचा जहां परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार किया। इस संबंध में मृतक के छोटे भाई रविन्द्र सिंह ने बताया कि वर्ष 2016 में उसके भाई जितेंद्र सिंह तथा उसकी शादी झुंझुनूं जिले के एक गांव निवासी डिंपल व सिंपल उर्फ प्रियंका से हुई थी। उन्होंने बताया कि उसके पिता सुरेंद्र सिंह महाराष्ट्र में अहमदनगर में एक ट्रांसपोर्ट व्यवसायी हैं तथा अपने पिता के पास ही रहते थे, लेकिन उसकी पत्नी सिंपल शादी के बाद कभी ससुराल आई ही नहीं।
उसके पिता और मां से पूछताछ की तो सिंपल के पिता कहते थे कि उनकी बेटी सीए की पढ़ाई कर रही है। सिंपल के पिता ने पढ़ाई के नाम पर उसके पिता सुरेंद्र सिंह से तीन लाख रुपए भी लिए। बाद में पता चला सिंपल सीए की पढ़ाई नहीं बल्कि एमकॉम करती थी।
प्रॉपर्टी नाम करने की मांग
पीड़ित ने बताया कि लड़की पक्ष की तरफ से उसके पिता को कहा गया कि आपके छोटे बेटे रविन्द्र को जयपुर भेज दो। यहां मकान बनवा दो, वो लड़की के साथ यहीं रह लेगा। बड़ी बेटी के नाम प्रोपर्टी कर दो जिस पर उसके पिता ने कहा कि यह प्रोपर्टी इन बेटों और बहुओं की ही तो है। शादी के दो वर्ष बाद 5 मई 2018 को उसके पुत्र रविन्द्र व जितेंद्र के ससुराल पक्ष वालों ने दहेज का मुकदमा दर्ज करवा दिया।
मामला दर्ज होने के बाद पिता की मौत
मृतक के भाई रविंद्र सिंह ने बताया कि उसके पिता सुरेंद्र सिंह को जब पता चला कि उन पर और उनके बेटों पर दहेज के मुकदमा दर्ज हो गया है तो इस सदमे को वो झेल नहीं पाए और 29 नवंबर 2018 को सदमे में उनकी मौत हो गई। आरोप है कि मामला दर्ज होने के बाद जयपुर पेशी पर जाते तो कई बार उनके साथ भी मारपीट का प्रयास भी कराया गया। यही नहीं, ससुराल पक्ष वाले दहेज मुकदमा करने से पहले ही परिवार में शादी होने का झूठ बोलकर पूरी ज्वेलरी ले गए और अब दोनों भाइयों से 25-25 लाख की मांग कर रहे हैं।
मृतक ने दो दिन पहले भाई से की बात
जितेंद्र ने आत्महत्या करने से दो दिन पहले ही अपने छोटे भाई रविन्द्र को बताया कि वह ससुराल वालों की ओर से दहेज के मुकदमे को लेकर बहुत परेशान है। रविन्द्र ने बताया कि जितेंद्र के सुसाइड करने से 2-3 दिन पहले वो न ठीक से सोता था और न ही ढंग से खाना खाता था। जिस रात जितेंद्र ने सुसाइड किया, उस रात 15 जून को करीब 10 बजे वह सोने के लिए छत पर गया था। जितेंद्र की मां ने बताया कि जब अगले दिन 10-11 बजे तक वह नीचे नहीं आया तो उसने सोचा देर से सोया होगा। इसलिए नहीं उठाया, लेकिन जब दोपदर एक बजे तक जितेंद्र नहीं आया तो छोटा भाई रविन्द्र और मां ने दरवाजा खटखटाया तो कोई जवाब नहीं मिला।
उसके बाद रविन्द्र पड़ोसी के मकान से अपनी छत पर गया तो जितेंद्र वहां फर्श पर गिर हुआ मिला। घटना की सूचना मिलते ही अहिल्यानगर पुलिस मौके पर पहुंची। जितेंद्र की जेब से एक सुसाइड नोट भी मिला जिसमें दहेज के मामले के कारण तंग और परेशान होने से आत्महत्या करने का उल्लेख किया गया है।
मृतक की मां और भाई की जुबानी
मृतक की मां रमेश कंवर ने बताया कि खुशी खुशी दोनों बेटों की शादी की थी, लेकिन शादी के बाद दहेज का मामला दर्ज होने का सदमा उसके पिता बर्दाश्त नहीं कर पाए और थोड़े ही दिन बाद उनकी मौत हो गई, अब बेटा भी चला गया है। मृतक के भाई रविंद्र सिंह ने बताया कि 3-4 दिन पहले उसके भाई ने बताया कि जयपुर से वारंट आएगा। पुलिस ने दोनों भाइयों को 2 बार गिरतार भी किया है, लेकिन उसकी मां की तबीयत खराब होने और दहेज के मामले से परेशान होकर छत से गुजर रही 11 हजार केवी विद्युत लाइन को पकड़कर आत्मकथा कर ली।