मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में अक्षर ने कहा, “बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद से कहें या वेस्टइंडीज में जब मैंने वनडे मैच जिताया था तो उसके बाद मेरा आत्मविश्वास बढ़ा था। मेरे पास कौशल तो था, लेकिन मैं उसका प्रदर्शन नहीं कर पा रहा था। जैसे ही एक पारी आई तो मैंने नहीं सोचा कि बल्लेबाजी दिखाने का यही सही मौका है। टैंपरामेंट की बात करें तो जब आप लगातार अच्छा करते हो तो आप अधिक सोचते नहीं है। अभी मुझे पता है कि मेरा सही समय चल रहा है।”
अक्षर ने कहा, “विराट भाई और श्रेयस अच्छा ही कर रहे हैं तो मैं नहीं सोचता और ऊपर खेलूं। जब भी अवसर मिले तो मैं वही सोचता हूं कि टीम की क्या आवश्यकता है। नीचे जब खेलता था तो आपको जल्दी रन बनाने होते थे। अभी मुझे पता है कि मेरे पीछे भी बल्लेबाज हैं और मैं परिस्थिति के हिसाब से भी खेल सकता हूं। मैच की स्थिति से जैसे स्पिनर पर हिट करना है या आज जैसे साझेदारी की आवश्यकता थी तो हमने वही किया।”
उन्होंने कहा, “वरुण को लेकर हम सभी खुश हैं। हम पहले दो मैच जीत चुके थे। वह पिछली बार टी20 विश्व कप खेला था। इतना आसान नहीं होता है। वहां अच्छा नहीं हुआ था, उसके बाद उसने दिखाया कि वह मानसिक तौर पर कितना मजबूत हुआ है। टी-20 के बाद उसने यहां भी अच्छा प्रदर्शन किया।” अक्षर ने कहा, ‘मैं धीमी गेंद करने का दो-तीन साल से प्रयास कर रहा हूं। इन परिस्थितियों में मैं धीमी और तेज दोनों तरह की गेंद कर रहा हूं। जब विकेट मिलता है तो हौसला भी बढ़ता है।”