जडेजा की रक्षात्मक रणनीति पर सवाल इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि टीम इंडिया हार गई। अगर मैच जीत जाती तो यही सवाल तारीफ में बदल जाते। फैंस और विशेषज्ञ मान रहे हैं कि अगर जडेजा ने सिंगल-डबल लेने के बजाय आखिरी ओवरों में बड़े शॉट्स खेलने की कोशिश की होती, तो भारत यह ऐतिहासिक मैच जीत सकता था। टीम इंडिया 112 रन पर 8 विकेट खो चुकी थी। इसके बाद जडेजा ने पहले बुमराह के साथ साझेदारी की फिर सिराज के साथ।
दोनों के साथ वह ज्यादातर मौकों पर चौथी या पांचवीं गेंद पर सिंगल लेते नजर आए। इस दौरान अगर वह ओवर की 4-5 गेंद पर एक या दो शॉट की कोशिश करते और ओवर में एक या दो चौके आ जाते तो मैच भारत के पक्ष में खत्म होता। हालांकि जडेजा से सिर्फ यहीं चूक नहीं हुई। उनके पास आखिरी के ओवरों में बड़े शॉट खेलकर मैच फिनिश करने का मौका था लेकिन दिग्गज ऑलराउंडर हो भी नहीं कर पाए और भारतीय टीम हार गई।
सिराज के साथ खेली 59 गेंद
जडेजा ने मोहम्मद सिराज (2) के साथ मिलकर 59 गेंदें खेलीं। इस दौरान जडेजा ने केवल दो चौके लगाए और ज्यादातर समय सिंगल-डबल पर ध्यान दिया। सिराज जैसे पुछल्ले बल्लेबाज को ज्यादा गेंदें देने से विकेट जल्दी गिर सकता था। जडेजा को अपनी 2018 की ओवल पारी (86*) जैसी आक्रामकता दिखानी चाहिए थी। इस हार ने भारत को सीरीज में 1-2 से पीछे कर दिया है। अब मैनचेस्टर टेस्ट में भारत जीत दर्ज कर सीरीज में बराबरी के इराद से उतरेगा।