टेस्ट क्रिकेट में स्टॉप क्लॉक की एंट्री
ICC ने टेस्ट क्रिकेट में अब स्टॉप क्लॉक का प्रयोग किया जाएगा, जो पहले केवल वनडे और टी20 मुकाबलों में होता था। इसके तहत गेंदबाजी करने वाली टीम को हर ओवर शुरू करने के लिए 60 सेकंड (1 मिनट) का समय मिलेगा। समयसीमा का पालन न करने पर पहली दो बार चेतावनी दी जाएगी, जबकि तीसरी बार पर विरोधी टीम को 5 रन पेनल्टी के रूप में दिए जाएंगे। हर 80 ओवर के बाद चेतावनियाँ रीसेट कर दी जाएंगी।
थूक से गेंद बदलने की अनिवार्यता खत्म
थूक का इस्तेमाल गेंद पर अब भी बैन है, लेकिन अब अंपायर को गेंद तुरंत बदलने की ज़रूरत नहीं। अगर कोई टीम जानबूझकर थूक लगाकर गेंद बदलवाने की कोशिश करता है, तो अंपायर गेंद की हालत देखेंगे। अगर गेंद ज़्यादा गीली या चमकदार नहीं है, तो उसे बदला नहीं जाएगा। यह पूरी तरह से अंपायरों के विवेक पर छोड़ दिया गया है। साथ ही, अगर अंपायरों के यह कहने के बाद भी कि लार के इस्तेमाल से गेंद की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है, गेंद में कुछ बदलाव होने लगे, तो उसे बदला नहीं जा सकता। हालांकि, बल्लेबाजी करने वाली टीम को पांच रन दिए जाएंगे।
DRS में दूसरी समीक्षा का नया नियम
मान लीजिए, बल्लेबाज को कैच आउट दिया गया और वह रिव्यू लेता है। अगर अल्ट्राएज दिखाता है कि गेंद बल्ले से नहीं, बल्कि पैड से टकराई, तो अब टीवी अंपायर LBW की जांच करेगा। पहले, LBW के लिए डिफॉल्ट फैसला “नॉट आउट” होता था। लेकिन अपडेट किए गए नियमों के तहत जब एलबीडब्ल्यू के लिए बॉल-ट्रैकिंग ग्राफिक प्रदर्शित किया जाता है, तो उस पर “ऑरिजनल डिसिजन” लेबल “आउट” लिखा होगा और अगर समीक्षा में अंपायर का फैसला आता है, तो बल्लेबाज आउट हो जाएगा।
कंबाइंड रिव्यू में क्रमबद्ध जाँच
अब अगर LBW और रन-आउट जैसे दो रिव्यू एक साथ हों, तो टीवी अंपायर पहले उस घटना की जांच करेगा जो पहले हुई। उदाहरण के लिए, अगर LBW पहले हुआ और बल्लेबाज आउट है, तो गेंद “डेड” मानी जाएगी, और रन-आउट की जांच नहीं होगी।
नो बॉल पर फेयर कैच होगा रिव्यू
अगर अंपायर कैच की जांच कर रहे हैं और पता चलता है कि नो-बॉल थी, तो अब टीवी अंपायर कैच की वैधता भी जांचेगा। अगर कैच सही है, तो बल्लेबाजी करने वाली टीम को नो-बॉल के लिए 1 रन मिलेगा। अगर कैच गलत है, तो बल्लेबाजों द्वारा लिए गए रन गिने जाएंगे।
जानबूझकर शॉर्ट रन
अगर कोई बल्लेबाज जानबूझकर रन चुराने के लिए शॉर्ट रन लेता है, तो फील्डिंग टीम यह चुन सकती है कि कौन सा बल्लेबाज स्ट्राइक पर रहेगा। साथ ही, 5 रन की पेनल्टी भी लागू होगी। लेकिन अगर अंपायर को लगता है कि बल्लेबाज ने धोखा देने की कोशिश नहीं की, तो यह नियम लागू नहीं होगा।
डोमेस्टिक फर्स्ट क्लास क्रिकेट में फुलटाइम रिप्लेसमेंट
ICC ने सदस्य बोर्ड्स से आग्रह किया है कि वे घरेलू प्रथम श्रेणी मैचों में गंभीर चोटिल खिलाड़ियों की भरपाई के लिए ‘पूर्णकालिक रिप्लेसमेंट’ की सुविधा का परीक्षण करें। यह रिप्लेसमेंट कनकशन सब की तरह “लाइक-फॉर-लाइक” होगा, यानी उसी भूमिका का खिलाड़ी बदलेगा। चोट साफ तौर पर दृश्य होनी चाहिए और अंपायरों द्वारा प्रमाणित। यह नियम माइनर इंजरी जैसे हैमस्ट्रिंग या खिंचाव पर लागू नहीं होगा।